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मोदी से बिजली संशोधन विधेयक वापस लेने की अपील

जालंधर, 15 जून (वार्ता) बिजली इन्जीनियर फेडरेशन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 वापस लेने अपील की है। इसके साथ ही राज्यों के मुख्यममंत्रियों को पत्र भेजकर बिल वापसी के लिए प्रभावी भूमिका निभाने की भी अपील की है।
ऑल इण्डिया पॉवर इन्जीनियर्स फेडरेशन के प्रवक्ता विनोद गुप्ता ने सोमवार को बताया कि फेडरेशन ने श्री मोदी को पत्र भेजकर कहा है कि संविधान में बिजली समवर्ती सूची में है जिसका तात्पर्य है कि बिजली के मामले में राज्यों का बराबर का अधिकार है, ऐसे में देश के कई प्रान्तों की सरकारों द्वारा इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 के कई प्रावधानों पर गंभीर सवाल खड़ा कर देने के बाद जरूरी हो गया है कि बिल को वापस लिया जाये और बिल के सभी विवादास्पद प्रावधानों पर राज्य सरकारों सहित सभी स्टेक होल्डरों खासकर बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों एवं इंजीनियरों के फेडरेशनों से विस्तृत वार्ता की जाए।
फेडरेशन ने कहा है कि बिजली का टैरिफ, श्रेणी विशेष के उपभोक्ताओं को टैरिफ में सब्सिडी देने, राज्य नियामक आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का चयन करने, उपभोक्ता के हित में महंगी बिजली के क्रय करारों को रद्द करने और निजीकरण के बजाय सार्वजानिक क्षेत्र में बिजली वितरण बनाये रखने जैसे कई बुनियादी सवाल हैं जो राज्यों के अपने अधिकार क्षेत्र में आते हैं लेकिन इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 के जरिए इसमें केंद्र सरकार का सीधा हस्तक्षेप हो जाएगा जो संविधान प्रदत्त संघीय ढांचे का क्षरण है। अतः इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 वापस लिया जाना चाहिए। पत्र में कहा गया है कि तामिलनाडु , केरल , तेलंगाना , आन्ध्र प्रदेश , पुडुचेरी , महाराष्ट्र , पश्चिम बंगाल , छत्तीसगढ़ , बिहार और झारखण्ड की सरकारें इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 पर गहरी आपत्ति व्यक्त कर चुकी है।
श्री गुप्ता ने कहा है कि बिल में कई दूरगामी परिवर्तन किये जा रहे हैं जिनमें बिजली का निजीकरण और सब्सिडी समाप्त करना भी है जिससे बिजली किसानों और गरीबों की पहुंच से दूर हो जाएगी। उन्होंने सभी प्रांतों के मुख्यमंत्रियों को भी एक अलग पत्र भेजकर उनसे अपील की है कि बिजली के मामले में राज्यों के अधिकार और उपभोक्ताओं के हित को देखते हुए वे प्रभावी भूमिका का निर्वाह करे और प्रधानमंत्री से बिल वापस कराने के लिए पहल करें।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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