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आप ने किया विरासती धरोहरों तथा सरकारी संपत्ति को निजी हाथों सौंपे जाने का विरोध

चंडीगड़, 18 जून (वार्ता) पंजाब आम आदमी पार्टी (आप) ने अमरिंदर सरकार की ओर से धरोहर स्मारक व सरकारी सर्किट हाउसों को प्राईवेट हाथों में सौंपे जाने का कड़ा विरोध किया है ।
प्रतिपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां कहा कि यह भी एक तरह का माफिया है जिसे सत्ताधारी नेताओं और अफसरों का संरक्षण प्राप्त है। इससे जहां सैंकड़ों की संख्या में सरकारी कर्मचारियों की नौकरियों पर गाज गिरेगी और नई सरकारी भर्ती के मौके हमेशा के लिए छीने जाएंगे । अरबों रुपए की सरकारी और धरोहर संपत्ति कौडिय़ों के दाम में निजी भू-माफिया के अधिकारित तौर पर कब्जे में आ जाएगी।
पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सरकारी सम्पतियों को अपने चहेतों के हवाले करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सरकार बादलों के रास्ते पर चल पड़ी है। बादलों ने पिछले दस साल के शासन में जिस तरह रोपड़ के पिकासिया रैस्टोरैंट और वोट क्लब समेत अन्य पर्यटन स्थलों पर स्थित सरकारी सम्पतियों को पर्यटन विभाग से छीन कर प्राईवेट हाथों में बेच दिया था, उसी तरह कैप्टन सरकार भी बाबा बन्दा सिंह बहादुर यादगार समेत कोई धरोहर स्मारक और सरकारी सर्किट हाउसों को प्राईवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) के हवाले से निजी हाथों में सौंप रही है।
श्री चीमा ने प्रदेश सरकार से अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की और सरकारी सम्पतियों को पार्दशिता और प्रभावशाली तरीके से खुद चलाने को कहा । इससे प्रदेश के लाखों योग्य और पढ़े-लिखे नौजवानों के लिए सरकारी नौकरियों के मौके बढ़ेंगे, वहीं सरकारी खजाने को लाभ और सरकारी सम्पतियां सरकार के अधीन ही रहेंगी।
उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर निचले स्तर तक प्रशासन ईमानदार और भष्टाचार-मुक्त हो तो शायद इन सब की जरूरत न पड़े । यदि सरकार इन धरोहरों व सरकारी सम्पतियों को अपने चहेते प्राईवेट हाथों में सौंपने के लिए अड़ी रही तो आप पार्टी इस का सडक़ से लेकर सदन तक विरोध करेगी।
शर्मा
वार्ता
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