राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Jun 22 2020 8:12PM हरियाणा सरकार फतेहाबाद में स्थापित करेगी मिनरल वॉटर संयंत्रचंडीगढ़, 22 जून(वार्ता) हरियाणा सरकार ने ‘हरियाणा फ्रेश’ के तहत बोतलबंद मिनरल पेयजल को बाजार में उतारने के लिये मिनरल वाटर संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, वह महाग्राम योजना के तहत पहली ग्रामीण सीवरेज प्रणाली का उद्घाटन 15 अगस्त को फरीदाबाद के सोताई गांव में करने जा रही है।मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की जलापूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड की 53वीं बैठक में ये फैसले लिये गये। उन्होंने कहा कि शुरू में इस संयंत्र से बोतलबंद मिनरल वाटर सरकारी संस्थानों को उपलब्ध कराया जाएगा। बाद में, छात्रों को स्वच्छ और ताजा पेयजल उपलब्ध कराने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में मिनरल वाटर रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पेयजल के अलावा राज्य के सभी जिलों में एक व्यापक परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी, जहां न केवल पीने के पानी की जांच होगी बल्कि अन्य खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की भी जाँच की जाएगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल सुविधा उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से गर्मी के मौसम में पेयजल आपूर्ति में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। बैठक में बोर्ड ने 5185 चालू योजनाओं और 595 नई योजनाओं के लिए धन राशि आवंटित करने के अलावा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुविधाओं, सीवरेज प्रणाली में सुधार और शहरी क्षेत्रों में स्टार्म वाटर निकासी सुविधाओं के लिए 1313.84 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। राज्य में इस समय लगभग 30.73 लाख ग्रामीण परिवारों में से, 23.73 लाख परिवारों को कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) प्रदान किये गए हैं जबकि जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2020-21 के दौरान सात लाख घरों में एफएचटीसी प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें से 4.18 लाख परिवारों को पहले ही एफएचटीसी प्रदान किया जा चुका है। इस लक्ष्य को 2024 के राष्ट्रीय लक्ष्य से पहले वर्ष 2022 तक हासिल कर लिया जाएगा।बैठक में बताया गया कि महाग्राम योजना के तहत, 129 गांवों का चयन सीवरेज प्रणाली बिछाने के लिए किया गया है। दस हजार से कम आबादी वाले गांवों में, सीवरेज प्रणाली बिछाने और पानी की आपूर्ति के उन्नयन के लिए गांव की ओर से खर्च वहन करने हेतू राज्य सरकार द्वारा सहमति दी गई है और ऐसे गांवों की व्यवहार्यता रिपोर्ट के आधार पर विचार किया जा रहा है। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.सी. गुप्ता, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस.एन. रॉय, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।रमेश1956वार्ता क्रमांक-2020विनोद