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बर्फ पिघलने तथा बरसात से नदियों का जलस्तर बढ़ा, अलर्ट जारी

शिमला, 27 जून (वार्ता) ग्लोबल वार्मिंग के कारण पहाड़ों पर जमी बर्फ पिघलने तथा बारिश की वजह से हिमाचल प्रदेश में नदियों का जल स्तर बढ़ने लगा है।
एनजेपीसी प्रशासन ने घाटी और निचले इलाकों में लोगों को सलाह दी है कि वे नदी किनारे न जायें ।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में सतलुज नदी का जल बहाव देश की सबसे बड़ी भूमिगत जल विद्युत परियोजना 1500 मेगावाट की नाथपा झाकड़ी के बांध स्थल पर 1100 क्यूमेक्स है। जबकि सर्दियों में जल बहाव घट कर करीब 60 क्यूसिक रहता है। ऐसे में बांध से आगे परियोजना निर्माताओ को सामान्य बहाव से 650 क्यूसिक पानी अतिरिक्त छोड़ना मजबूरी हो गया है।
नाथपा झाकड़ी पवार स्टेशन के महाप्रबंधक आरसी नेगी ने आज यहां बताया सर्दियों में सतलुज में पानी 50 से 60 क्यूसिक रहता है। वर्तमान में बरसात शुरू होते ही पानी का बहाव बढ़ कर 1100 क्यूसिक हो गया है। परियोजना से विद्युत उत्पादन के लिए करीब साढ़े चार सौ क्यूसिक पानी की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि बांध से बाकी 650 क्यूसिक पानी को छोड़ना मजबूरी हो गया है। ऐसे में सतलुज तट के लोगो से अपील की जा रही है की नदी तट पर न जाए और न ही पशुओ को छोड़े।
उन्होंने बताया कि लोगो को सचेत करने के लिए किन्नौर जिला व् शिमला जिला के रामपुर क्षेत्र में सतलुज किनारे 11 स्थानों पर अरली वार्निग सिस्टम भी लगाए गए हैं।
सं शर्मा
वार्ता
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