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पंजाब में कोविड नमूनों की जांच दर शेष राष्ट्र से अधिक बाजवा

जालंधर, 29 जून (वार्ता) पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य में कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सही समय पर पर्याप्त कदम उठाए हैं, जिसके परिणाम स्वरूप देश के अन्य हिस्सों के बजाय पंजाब में स्थिति अब बेहतर है।
श्री बाजवा के साथ पंजाब राज्य जल संसाधन प्रबंधन विकास निगम (पीडब्ल्यूआरएमडीसी) के अध्यक्ष जगबीर सिंह बराड़, प्रीकास्ट पैराबोलिक ब्लॉक वाटर कन्वेंस सिस्टम के मॉडल का कामकाज जल अवरोधन प्रणाली के मॉडल के कामकाज की समीक्षा करने के लिए जालंधर के नूरमहल शहर के भंगाला गांव पहुंचे थे।
मंत्री ने लोगों से अपील की कि वे कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने के लिए मास्क, सामाजिक दूरी और बार-बार हाथ धोना जैसे सरकार के निर्देशों का पालन करें। उन्होंने कहा कि पंजाब देश का पहला राज्य है जिसने राज्य में कर्फ्यू लगाया था और यह कोविड -19 महामारी से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर सफल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी परीक्षण क्षमता को मार्च में प्रति दिन 80 परीक्षणों से बढ़ाकर अब सरकारी क्षेत्र में 6000 परीक्षण प्रतिदिन कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में अब कोविड-19 महामारी के परीक्षण के लिए आईसीएमआर से अधिकृत 16 निजी परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं।
श्री बाजवा ने कहा कि पंजाब में प्रति 10 लाख लोगों पर औसतन 8026 परीक्षण किए जा रहे हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत प्रति 10 लाख लोगों पर 5160 परीक्षण हैं। इसके अलावा, पंजाब में रिकवरी दर 69 प्रतिशत है और राष्ट्रीय स्तर पर रिकवरी दर 57 प्रतिशत है। मंत्री ने कहा कि सरकार ने पहले से ही कोविड -19 महामारी से खुद को सुरक्षित रखने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए जन जागरूकता अभियान मिशन फतह शुरू किया है।
उन्होंने सिंचाई के उद्देश्य के लिए पानी के कुशल उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए प्रणाली के कामकाज पर भी संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रीकास्ट पैराबोलिक ब्लॉक वाटर कन्वेंस सिस्टम को बिछाने की कीमत पारंपरिक प्रणाली की तुलना में कहीं कम है।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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