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वरिष्ठ नागरिक पर यूएपीए लगाने पर खेहरा ने उठाए सवाल

भोलथ, 05 जुलाई (वार्ता) पंजाब में कपूरथला जिले में भोलथ के एक वरिष्ठ नागरिक पर गैरकानूनी गतिविधि प्रतिबंधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज करने पर विधायक सुखपाल सिंह खेहरा ने आज सवाल उठाये और मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को लिखे पत्र में श्री खेहरा ने लिखा है कि 65 वर्षीय जोगिंदर सिंह गुज्जर को आतंकवादी गतिविधियों व देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे आरोपों में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया है, जबकि गुज्जर पिछले 18 साल इटली में रहा है, अनपढ़ है और दिल का मरीज है। उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है। पुलिस का आरोप है कि गुज्जर ने सिख फाॅर जस्टिस के जिनेवा में पिछले साल एक नवंबर को हुए एक सम्मेलन में हिस्सा लिया था, उसने एसएफजे के अवतार पन्नू को इटली के एक गुरुद्वारे में ‘सिरोपा‘ भेंट किया था और जालंधर के एक निवासी संदीप सिंह को 200 यूरो भिजवाए थे।
श्री खेहरा ने आरोपों और प्रमाणों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इस आधार पर किसी पर यूएपीए जैसे कठोर कानून लगाने का औचित्य नहीं बनता।
विधायक ने लिखा है कि कांग्रेस खुद मानती रही है कि यूएपीए जैसे कानूनों का केंद्र की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार अपने विरोधियों के खिलाफ कर रही है और पार्टी के नेता व वकील कपिल सिब्बल ने 30 जून को ही लिखे एक लेख में यूएपीए के दुरुपयोग की तीव्र आलोचना की थी और सूचना अधिकार कार्यकर्ता अखिल गोगोई, जामिया मिलिया इस्लामिया शोधकर्ता सफूरा जरगर, कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबड़े, गौतम नवलखा, अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त फोटो पत्रकार मसरत जाहरा जैसे लोगों पर गलत तरीके से यूएपीए लगाये जाने का जिक्र किया था। ऐसे में पंजाब में कांग्रेस की सरकार कैसे किसी बुजुर्ग पर यूएपीए लगाने को न्यायोचित्त ठहरा सकती है।
श्री खेहरा ने लिखा है कि गुज्जर की उम्र व कोरोनावायरस के खतरे को मिलाते हुए नाजुक स्वास्थ्य को देखा जाए तो आशंका है कि उसकी बाकी जिंदगी सलाखों के ही पीछे कटेगी और कैप्टन अमरिंदर सिंह से मांग की है कि मानवीय आधार पर विचार करते हुए मामले की स्वतंत्र जांच कराई जाए।
महेश विजय
वार्ता
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