चंडीगढ़, 08 जुलाई (वार्ता) पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को पेट्रोल-डीजल दाम वृद्धि को लेकर प्रदेश में मूल्य आधारित कर (वैट) पर शोेर मचाने व सड़कों पर प्रदर्शन करने के बजाय केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार से अलग होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यहां जारी बयान में आरोप लगाया कि श्री बादल के विरोध प्रदर्शनों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं और राजनीतिक हित साधने के लिए लोगों की जान जोखिम में डाली गई। उन्होंने कहा कि शिअद अध्यक्ष को केंद्र सरकार पर पेट्रोल-डीजल के दामों में ‘अनलॉक1‘ से लगातार की जा रही वृद्धि को वापस लेने के लिए दबाव डालना चाहिए।
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि यह वृद्धि इसलिए भी निंदनीय है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें गिर रही हैं। उन्होंने कहा कि 2016 से राजग सरकार, जिसमें शिअद शामिल है, ने डीजल पर करों में 900 फीसदी और पेट्रोल पर 700 फीसदी की वृद्धि की है, जिससे भारत में पेट्रोल व डीजल के दाम दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बाकी सभी केंद्रीय करों में 42 फीसदी हिस्सा राज्यों का होता है इसलिए पेट्रोलियम पदार्थों पर वृद्धि अधिभार के रूप में की जा रही है आबकारी कर के रूप में नहीं और इस तरह राज्यों को उसके हिस्से से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जून में 22 दिनों तक लगातार वृद्धि से दो लाख करोड़ का समूचा राजस्व केंद्र के पास गया है।
कैप्टन अमरिंदर ने श्री बादल के इस दावे को बेतुका बताया कि पंजाब सरकार यदि वैट घटाए तो वह केंद्र पर ईंधन की कीमतें घटाने के लिए दबाव डालेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वैट में एक बार वृद्धि की है जबकि केंद्र सरकार लगातार दामों में वृद्धि कर रही है। इसलिए दोनों मामलों की तुलना नहीं की जा सकती।
महेश विजय
वार्ता