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पंजाब की वित्तीय हालत की समीक्षा हर माह

मुख्यमंत्री कार्यालय, पंजाब
पहली तिमाही में राजस्व प्राप्तियाँ 21 प्रतिशत घटने के
कारण कैप्टन अमरिन्दर सिंह राज्य की वित्तीय स्थिति

चंडीगढ़, 08 जुलाई(वार्ता) पंजाब में वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में राजस्व प्राप्तियों में आई 21 प्रतिशत की गिरावट तथा केन्द्र सरकार से कोई वित्तीय मदद न मिलने के चलते अब हर महीने राज्य की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की जायेगी ताकि सीमित स्रोतों का बेहतर ढंग से प्रबंधन किया जा सके।
इस आशय का फैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया । मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही कोविड संकट के कारण उत्पन्न गंभीर हालातों के मद्देनजऱ तिमाही आधार पर छोटी समय सीमा की वित्तीय योजनाएँ बनाने के सुझाव पर सहमति जताई।
श्री बादल ने आगाह किया है कि अपने ख़ुद के राजस्व घाटे के कारण भारत सरकार द्वारा आने वाली तिमाही में राज्यों से पैसा वापस लेने की संभावना है। पहली तिमाही में केंद्र से फंड नहीं आने के कारण राज्य सरकार के समक्ष गंभीर हालात पैदा हुये और सरकार अपने स्तर पर ऐसे हालात से निपट रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोज़ाना के खर्चों जैसे वेतन , बिजली सब्सिडी, समाज कल्याण पैंशन आदि को ध्यान में रखते हुए राज्य की वित्तीय स्थिति का जायज़ा लेने के लिए माहवार समीक्षा बैठक करेंगे।
इससे पहले राज्य की गंभीर आर्थिक स्थिति पर प्रकाश डालते हुए प्रधान सचिव (वित्त) के.ए.पी. सिन्हा ने कहा कि 30 जून तक केंद्रीय करों में पंजाब का हिस्सा 32 फीसदी नीचे जा चुका है। गत मार्च-जून के समय के लिए केंद्र की तरफ से मिलने वाली अनुदान राशि में 38 फीसदी की वृद्धि दिखाती है लेकिन यह अप्रैल में जी.एस.टी. की 3070 करोड़ की वसूली की वजह के कारण है, जिसमें वित्तीय वर्ष 2019-20 के 2366.45 करोड़ के बकाए शामिल हैं।
श्री सिन्हा ने मंत्रालय को सूचित किया कि राज्य के अपने कर राजस्व में 51 फीसदी की कमी आई है और पहली
तिमाही के दौरान राज्य की ग़ैर-कर आमदनी में कमी आई है,जो 68 फीसदी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्तीय संकट
में से उभरने के लिए और उचित कदम उठाए जाने की ज़रूरत है।
इससे पहले मंत्रिमंडल ने राज्य में कोविड की स्थिति का जायज़ा लिया गया और कोरोना के मामलों में वृद्धि को देखते हुये सचेत होने के लिए अपील की गई। राज्य सरकार के स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. के.के. तलवार ने कहा कि आने वाले चार हफ्ते बहुत संवेदनशील हैं और हर व्यक्ति को अपनी तथा दूसरे की सुरक्षा के लिए पूरी सावधानियां बरतनी पड़ेंगी।
शर्मा
वार्ता
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