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पंजाब जांच ब्यूरो में सीधी भर्ती को मंजूरी

चंडीगढ़, 15 जुलाई (वार्ता) पंजाब मंत्रिमंडल ने पंजाब पुलिस के उच्च तकनीकी जांच पड़ताल के काम के लिए सिविलीयन कार्य क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों की सेवाएं लेने वाली देश की पहली पुलिस होने का रास्ता साफ कर दिया है।
ये विशेषज्ञ आई.टी. /डिजिटल, कानूनी, फोरेंसिक और वित्तीय क्षेत्रों में जांच पड़ताल के मामलों को सुलझाने में तेज़ी लाने में सहायक होंगे। पंजाब इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो के लिए सादे कपड़ों वाले सिविलीयन सहायक स्टाफ के तौर पर 798
विशेषज्ञों की भर्ती की जायेगी जिससे जांच-पड़ताल का अहम तकनीकी पक्ष मज़बूत होगा। यह भर्ती पंजाब पुलिस विभाग के पुनर्गठन का हिस्सा होगी।
इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया । इस पुनर्गठन को मंज़ूरी दिये जाने के बाद अब पुलिस में सब इंस्पेक्टर ,हैड कांस्टेबल और कांस्टेबल रैंक के मौजूदा 4849 पद ख़त्म किये जाएंगे ताकि राज्य के खजाने पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ न पड़े।
अस्थायी योजना के तौर पर 1481 पुलिस अफसरों की भर्ती की जायेगी जिसमें 297 एस.आई., 811 हैड कांस्टेबल
और 373 कांस्टेबल शामिल हैं। इससे जांच प्रक्रिया में भी गुणवत्ता आयेगी । इससे नशा तस्करों क़े खिलाफ चल रही जांच प्रक्रिया में भी सुधार आयेगा । इससे राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार के साथ पुलिस में कैरियर बनाने का मौका मिलेगा।
इन पदों के लिये भर्ती अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड के अधिकार क्षेत्र से निकालकर पुलिस भर्ती बोर्ड के जरिये की जायेगी पहुँच बढ़ाने का फ़ैसला किया है ।
अन्य फैसले में कोविड संकट से निपटने के लिए सोशल मीडिया की बढ़ती महत्ता को देखते हुए पंजाब सरकार ने अपनी सोशल मीडिया तक पहुँच बढ़ाने का फ़ैसला करते हुये आऊटसोर्सिंग पर पंद्रह विशेषज्ञों की सोशल
मीडिया टीमों को रखने काे मंजूरी दी है।
इन टीमों के लिए सात करोड़ रुपए सालाना बजट को मंज़ूरी दे दी गई है । राज्य सरकार के कुछ विभागों का लोगों के साथ बड़े स्तर पर तालमेल रहता है,इसलिए यह ज़रूरी हो जाता है कि महामारी से संबंधित सारी महत्वपूर्ण जानकारी और इसकी रोकथाम के उपायों को नियमित रूप से सोशल मीडिया के जरिये उजागर किया जाए।
सोशल मीडिया टीमें बड़े स्तर पर इन विभागों और लोगों के बीच के सेतु का काम करेंगी।
मंत्रिमंडल ने वर्ष 2015-16 के गन्ना पिराई सीजन के लिये निजी चीनी मिलों की ओर से गन्ना उत्पादकों को अदा किए गए 223.75 करोड़ रुपए वसूलने को आज मंजूरी दे दी ।
इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। वर्ष 2014-15 के दौरान चीनी मिलों को नगद भुगतान करने में पेश आ रही समस्याओं के कारण पिराई देरी से शुरू होने और मंडी में भी चीनी की कीमतों में आई मंदी के कारण गन्ना उत्पादकों को अदायगी करने में देरी हुई । चीनी मिलों की ओर से राज्य सरकार को उत्पादकों की अदायगी करने का कदम उठाना पड़ा।
इस रकम की वसूली का फ़ैसला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना में 13 नवंबर, 2017 को
मुख्य सचिव की अगुवाई में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों के मद्देनजऱ लिया गया। इस कमेटी के अन्य
सदस्यों में अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास), वित्त कमिशनर (सहकारिता) और प्रधान सचिव ( वित्त )भी शामिल थे।
शर्मा
वार्ता
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