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डीसीआरयूएसटी में होगा प्रदेश का पहला क्यूआईपी सेंटर, शोध को मिलेगा बढ़ावा

सोनीपत, 16 जुलाई(वार्ता) हरियाणा में मुरथल स्थित दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोध की गुणवत्ता को अब राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने लगी है जिसे देखते हुये अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इसमें पहला क्यूआईपी(क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम) सेंटर मंजूर किया है जिसके तहत विश्वविद्यालय को 20 पूर्णकालिक शोधार्थी मिलेंगे।
एआईसीटीई कॉलेज के शिक्षकों को अनुसंधान एवं पीएचडी कराने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करती है। एआईसीटीई शिक्षण संस्थानों की अनुसंधान की गुणवत्ता और आधारभूत ढांचे को परखने के बाद तथा सभी मापदंडों पर पूरा उतरने के बाद ही क्यूआईपी सेंटर प्रदान करती है। यह सेंटर मिलने के बाद विश्वविद्यालय के दस विभागों को 20 पूर्णकालिक शोधार्थी मिलेंगे, जो विश्वविद्यालय की विभिन्न प्रयोगशालाओं में अनुसंधान का कार्य करेंगे। इससे शोध के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की ख्याति राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो जाएगी और शोध की गुणवत्ता में भी निरंतर वृद्धि होगी। शोधार्थियों के वेतन एवं अन्य भत्ते एआईसीटीई द्वारा वहन किए जाएगें। क्यूआईपी के तहत शोधार्थी को तीन वर्ष में अपना अनुसंधान कार्य पूर्ण करना होगा। क्यूआईपी के तहत वास्तुकला, जैव चिकित्सा इंजीनियरिंग, जैव प्रौद्योगिकी, केमिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनयरिंग, कम्प्यूटर सांइस इंजीनयरिंग, इलैक्ट्रानिक्स कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग, मेकैनिकल इंजीनियरिंग और भौतिकी में दो दो शोधार्थी विश्वविद्यालय में शोध कर सकेंगे।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र कुमार अनायत ने कहा कि क्यूआईपी सेंटर मिलना विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है इसके तहत देश के दूसरे राज्यों के शोधार्थी भी विश्वविद्यालय में आकर अनुसंधान कर सकेंगे। इससे विश्वविद्यालय के अनुसंधान में श्रेष्ठता आएगी।
सं.रमेश2025वार्ता
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