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माकपा की हिमाचल सरकार से कोरोना पर चर्चा कराने के लिये सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग

माकपा की हिमाचल सरकार से कोरोना पर चर्चा कराने के लिये सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग

शिमला, 29 जुलाई (वार्ता) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा ) ने हिमाचल प्रदेश में संभावित लाॅकडाउन की अटकलों के बीच कहा कि राज्य में फिर से पूर्ण लाॅकडाउन तर्कसंगत तथा व्यावहारिक निर्णय नहीं होगा इसलिये सरकार कोरोना महामारी के मामले पर तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलाये ।

माकपा के राज्य सचिव ओंकार शाद ने आज यहां कहा कि लाॅकडाउन पर एकतरफा फैसला सही नहीं होगा और न ही जनता की आनलाइन राय की औपचारिकता करने से होगा। इससे धीरे-धीरे पटरी पर आ रही अर्थव्यवस्था को गहरा धक्का लगेगा और जनजीवन भी प्रभावित होगा। पार्टी ने सरकार को सुझाव दिया कि जहां समस्या बढ़ रही है उस सीमित क्षेत्र को भले ही कन्टेनमेंट क्षेत्र घोषित कर लिया जाए लेकिन मुकम्मल लाॅकडाउन नहीं होना चाहिए।

उनके अनुसार लाकडाउन से छोटे कारोबारी, निर्माण मजदूर, दिहाड़ीदार फिर से आर्थिक संकट में आ जाएंगे जिससे अव्यवस्था और असंतोष बढ़ेगा। बेहतर होगा कि लोगों को सावधानियों और परहेज के बारे में अधिक जागरूक किया जाए। लाकडाउन से पांच हजार करोड की सेब की आर्थिकी प्रभावित होगी ,साथ ही टमाटर और आम उत्पादकों को भी नुकसान का सामना कराना पड़ेगा। सरकार से सेब सीजन को सुचारू रूप से चलाने के लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार करने की मांग की।

श्री शाद ने कहा कि कोविड-19 की वजह से अस्पतालों की सामान्य सेवाओं पर असर हुआ है जिससे हजारों रोगी प्रभावित हो रहे हैं। सैंकड़ों लोग ऐसी मौतों का शिकार हो रहे हैं, जिन्हें अगर समय रहते इलाज की सुविधा मिल जाती तो उनकी जान बच सकती थी। पार्टी ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि वह इस बात का आकलन करे कि लाॅकडाउन के दौरान से अब तक मृत्युदर की क्या स्थिति है। इस संकट के समय में लोगों को राहत मिलनी चाहिए थी मगर सरकार ने बस किराये, डीजल-पैट्रोल, रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी करके जनता पर अतिरिक्त बोझ डाला है। वहीं बिजली और पानी के भी भारी-भरकम बिल आ रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार निजी स्कूलों की लूट को रोकने में भी नाकाम रही हैै। सरकार और शिक्षा मंत्री निजी स्कूलों के आगे इतने असहाय क्यों नजर हो रहे हैं कि अपने निर्णय को लागू करवाने में अक्षम हैं और स्कूल बच्चों से मनमानी फीस वसूलने से बाज नहीं आ रहे।

माकपा ने उन क्षेत्रों को राहत देने की मांग की है जिनको शुरू करना अभी बिल्कुल सम्भव नहीं है। इनमें मुख्यतः पर्यटन, होटल व्यवसाय, सिनेगा हाॅल आदि शामिल हैं। पार्टी ने कहा कि इन क्षेत्र पर निर्भर श्रमिक, मजदूर, वेटर, कुक, घोड़े वाले, छोटे ढाबे, टी-स्टाॅल वाले, फोटोग्राफर, गाइड आदि गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। उन्हें सरकार की तरफ से तुरन्त आर्थिक राहत मिलनी चाहिए।

सं शर्मा

वार्ता

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