Wednesday, Apr 24 2024 | Time 07:50 Hrs(IST)
image
राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचल


पंचायतों में ‘राइट-टू-रिकॉल’, महिलाओं के लिये 50 प्रतिशत आरक्षण लाएंगे: दुष्यंत

पंचायतों में ‘राइट-टू-रिकॉल’, महिलाओं के लिये 50 प्रतिशत आरक्षण लाएंगे: दुष्यंत

चंडीगढ़, 25 अगस्त(वार्ता) हरियाणा में पंचायतीराज व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन होने जा रहा है और यह देश में पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है जहां पर काम न करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों को वापिस घर बिठाने का अधिकार ग्रामीणों के पास होगा। इसी तरह हर दूसरे गांव की सरपंच महिला होगी जो कि ग्रामीण परिवेश की महिलाओं के लिए क्रांतिकारी कदम होगा।

राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पंचायतों का प्रतिनिधि अगर लोगों में अपना विश्वास खो देता है तो जनता को ‘राइट-टू-रिकॉल’ का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई बार सरपंच पर अपने पद के दुरूपयोग के आरोप लगते हैं जिसमें लोग चाहते हैं कि उसे पद से हटाया जाए। ऐसे में अगर ‘राइट-टू-रिकॉल’ का कानून बन जाएगा तो ग्रामीण मतदाताओं को सरपंच को हटाने का अधिकार मिल जाएगा।

उन्होंने बताया कि राज्य में पंचायतों में 50 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित करने का विधेयक भी सदन में रखा जाएगा जिसके पारित होने से ग्रामीण परिवेश में रह रहीं महिलाओं के लिए न केवल राजनीति के नए द्वार खुलेंगे बल्कि उन्हें खुद को साबित करने का एक मंच भी मिलेगा। इसी तरह पंचायतीराज संस्थाओं में बी.सी-ए कैटेगरी के लिए आठ प्रतिशत आरक्षण तय सम्बंधी बिधेक भी लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसी सत्र में प्रदेश के युवाओं को निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत नौकरियों देना अनिवार्य करने सम्बंधी विधेयक भी आएंगे। राज्य के लोगों को जल्द ही शहरी स्थानीय निकाय, नगर एवं आयोजना विभाग, खेल विभाग आदि से सम्बंधित अन्य कई बदलाव भी देखने को मिलेंगे।

एक प्रश्न पर उपमुख्यमंत्री ने कहा गत 24 अगस्त से शहरी क्षेत्र में जमीनों की रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो चुकी है और इसके बाद अगले सप्ताह तक रजिस्ट्री का कार्य शुरू हो जाएगा। शहरी स्थानीय निकाय विभाग तथा नगर एवं आयोजना विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेने का पोर्टल तैयार किया गया है ताकि रजिस्ट्री कराने वालों को चक्कर न काटने पड़ें। उन्होंने बताया कि वित्त विभाग के साथ इस पोर्टल के जोड़ऩे से जहां लोगों को सुविधा होगी, वहीं पारदर्शिता भी आएगी। सत्र के दौरान कुल 13 विधेयक सदन में पेश और पारित किये जाएंगे।

रमेश1851वार्ता

image