चंडीगढ़ ,03 सितंबर (वार्ता) पंजाब विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने प्रदेश सरकार की ओर से विभिन्न विभागों से मोंटेक सिंह आहलूवालिया समिति की सिफारिशें लागू करने के बारे में मांगी गई सूची का नोटिस लेते मुख्यमंत्री पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है।
श्री चीमा ने आज यहां जारी बयान में कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह पंजाब और पंजाब के लोगों के साथ डबल गेम खेल रहे हैं। एक तरफ विधान सभा में केंद्र के कृषि विरोधी अध्यादेशों को रद्द करते हैं, दूसरी तरफ आहलूवालिया समिति की लोक विरोधी,कर्मचारी विरोधी और किसान विरोधी सिफारिशों को चुपचाप लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
उन्होंने श्री आहलूवालिया को मोदी सरकार और विश्व स्तर की कॉरपोरेट कंपनियों का ‘एजेंट’ करार देते हुए कहा कि मोंटेक सिंह आहलूवालिया का मॉडल सिर्फ निजी कंपनियों के हितों की पूर्ति करता है, और आम लोगों खास कर किसानों और पब्लिक सैक्टर (सरकारी संस्थानों और मुलाजिमों) के खिलाफ है।
आम आदमी पार्टी के नेता ने मुख्यमंत्री से यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि प्रदेश सरकार आहलूवालिया समिति की प्राथमिक सिफारिशों में से मुलाजिमों के सर्विस टैक्स में वृद्धि, बठिंडा थर्मल प्लांट की तरह लहरा मोहब्बत और रोपड़ के सरकारी थर्मल प्लांटों को बंद करने, अंधाधुन्ध निजीकरण करने, कृषि सैक्टर समेत बिजली सब्सिडी बंद करने जैसी सिफारिशें लागू करके केंद्र सरकार के सामने घुटने टेक रही है।
श्री चीमा ने आहलूवालिया समिति समेत ऐसे सभी अहम मुद्दों पर विधानसभा का तुरंत विशेष सत्र बुलाये जाने की मांग की ।
शर्मा
वार्ता