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पराली जलाने पर निगरानी रखने के लिये ग्रामीण स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त

चंडीगढ़,05 सितम्बर (वार्ता) पंजाब सरकार ने धान की कटाई के बाद पराली न जलाने के लिये सभी जिला उपायुक्तों को ग्रामीण स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं ।
इस बार कृषि विभाग ने निवेकली किस्म का मोबाइल एप भी तैयार किया गया है जिससे राज्य भर में पराली के अवशेष को जलाने की घटनाओं संबंधी ताज़ा जानकारी मिल सके। उच्चतम न्यायालय की पराली के अवशेष को जलाने से रोकने के लिये दिशा-निर्देश जारी किये गये थे जिनकी पालना प्रदेश सरकार कर रही है और इसी लिये ये कदम उठाये गये हैं । एक उच्च स्तरीय वर्चुअल समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुये मुख्य सचिव विनी महाजन ने विभिन्न विभागों की तरफ से पराली के अवशेष को जलाने की घटनाओं को पूरी तरह रोकने के लिए विभिन्न विभागों की तरफ से अब तक की गई कार्यवाही का जायज़ा लिया। इस बैठक में किसान नेता , पंजाब कृषि विवि ,राज्य के सरकारी विभाग और अन्य संबंधित संस्थाओं ने भाग लिया।
श्रीमती महाजन ने कहा कि प्रदेश सरकार ने केंद्र को न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा किसानों को धान पर प्रति क्विंटल के हिसाब के साथ 100 रुपए का वित्तीय लाभ देने के लिए कहा है जिससे किसानों को धान की पराली की संभाल के लिए प्रोत्साहन मिल सके,लेकिन केन्द्र सरकार ने अभी तक ऐसा कोई भी लाभ देने से इन्कार किया गया है। उन्होंने किसानों को राज्य सरकार के साथ हिस्सेदार होकर पराली जलाने की इस प्रथा को बंद करने का संकल्प लेने के लिए प्रेरित भी किया।
मुख्य सचिव ने बताया कि नोडल अधिकारी विशेष तौर पर हॉटसपाट जिलों में नियुक्त किये जाएंगे, जहाँ पिछले साल के दौरान पराली जलाने की ज़्यादा घटनाएँ सामने आईं थीं। राज्य में आठ हॉटसपाट हैं जिनमें संगरूर, बरनाला, पटियाला, श्री मुक्तसर साहिब, मानसा, तरन तारन और फिऱोज़पुर जिले शामिल हैं। यह नोडल अधिकारी पी.आर.एस.सी. (पंजाब रिमोट सेंसिंग सैंटर, लुधियाना) द्वारा पराली जलाने की रिपोर्ट की गई घटनाओं की पुष्टि करेंगे। पी.आर.एस.सी. और जि़ला स्तरीय कमेटियों के साथ तालमेल करने के लिए पंजाब मंडी बोर्ड कंट्रोल रूम स्थापित करेगा।
शर्मा
वार्ता
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