राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Sep 8 2020 5:43PM आरसीएफ ने अनुपयोगी मटीरियल का उपयोग कर की अरबों की बचतकपूरथला, 08 सितंबर (वार्ता) कोरोना महामारी से देश की आर्थिक स्थिति पर पड़े विपरीत प्रभावों के कारण इन दिनों केन्द्र सरकार तथा विशेष रूप से भारतीय रेल के आय स्रोतों में कमी के कारण इसके सभी विभाग खर्चों पर लगाम लगा रहे हैं तथा सरकारी खजाने को समृद्ध करने की कोशिश कर रहे हैं।रेल कोच फैक्टरी,कपूरथला ने भी महाप्रबन्धक रवीन्द्र गुप्ता के निर्देशानुसार सरकार के इन प्रयासों में अपना भरपूर योगदान देने के लिए विशेष योजना तैयार की है। इसके तहत एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया जिसके द्वारा आरसीएफ में पड़े रेल डिब्बों में लगने वाले सभी लंबे समय से प्रयोग में न आ रहे मटीरियल का गहन विश्लेषण किया गया है। इस विश्लेषण का उद्देश्य इस प्रकार के मटीरियल को उपयोग में लाकर रेलवे के खर्च को कम करना और आमदनी को बढ़ाना है।आरसीएफ के स्टोर डिपो में पड़ी यह सभी गैर चलंत वस्तुएं समय-समय पर रेल डिब्बों के डिज़ाइन में सुधार, आईसीएफ डिजाइन के रेल डिब्बों के उत्पादन बंद होने तथा पारम्परिक मेमू डिब्बों की जगह आधुनिक थ्री फेज मेमू के निर्माण शुरू होने तथा कुछ कलपुर्जों के डिजाइन में बदलाव से एकत्रित हुई हैं।गठित टास्क फोर्स ने तय समय में अपनी जांच करके 203 करोड़ रुपये की इन गैर-चलंत वस्तुओं को प्रभावी तरीके से दोबारा इस्तेमाल में लाये जाने के लिए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इसके तहत 92 करोड़ रुपए के मटीरियल को रेल कोच फैक्टरी में ही मामूली बदलाव के साथ प्रयोग में लाया जा सकेगा। इसके अलावा 97 करोड़ रुपए का मटीरियल जो पुराने डिज़ाइन (आई सी एफ डिजाइन) के डिब्बों से सम्बंधित है, उनको अन्य उत्पादन इकाइयों तथा जोनल रेलवे में भेजा जा रहा है तथा जिसमें से 14 करोड़ रुपए का सामान पहले ही उन्हें भेजा जा चूका है ताकि वहां उनको इस्तेमाल में लाया जा सके। इसके अतिरिक्त 14 करोड़ रुपए की गैर चलंत वस्तुएं जो कि आरसीएफ या अन्य रेलवे में प्रयोग में नहीं लाई जा सकती, उनकी ई–नीलामी के माध्यम से पारदर्शी ढंग से बिक्री की जायेगी। आरसीएफ द्वारा दी जानकारी अनुसार इस कार्यवाही से 203 करोड़ रुपए की सामग्री का उचित प्रयोग संभंव होगा जिससे रेल कोच फैक्ट्री और अन्य रेलवे के खर्चों में कमी आयेगी। साथ ही साथ इस गैर-चलंत मटीरियल के प्रयोग में लाने से इनके रख रखाव, सुरक्षा में लग रहे संसाधनों तथा खर्च को अन्य कार्यों में लगाया जा सकेगा। इसी के साथ आरसीएफ द्वारा अपने दिन प्रतिदिन कार्यों को डिजिटल करने के कार्यक्रम को और बढ़ावा मिलेगा तथा इससे आरसीएफ के काम काजों में और अधिक पारदर्शिता आयेगी। ठाकुर.श्रवण वार्ता