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बीआर अंबेडकर एनआईटी ने बनाई पीपीई ‘मार्शल‘

बीआर अंबेडकर एनआईटी ने बनाई पीपीई ‘मार्शल‘

चंडीगढ़, 09 सितंबर, (वार्ता) कोविड-19 के मरीज़ों का इलाज करने वाले कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा हेतु डॉ. बी आर अंबेडकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेेक्नोलोजी, जालंधर ने दोबारा इस्तेमाल करने लायक निजी रक्षात्मक उपकरण (पीपीई) किट ‘मार्शल’ बनाई है।

संस्थान के आज यहां जारी बयान के अनुसार इसे सर से लेकर पांव तक संपूर्ण शरीर ढंकने वाले एक-टुकड़े के कवर के तौर पर तैयार किया गया है। इसे पहन कर सांस लेना भी आसान है तथा इसके कपड़े को धो कर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। संपूर्ण शरीर के इस पीपीई कवर में वायु के आने के लिए जगह तो है परंतु यह वातावरण (वायु, जल, मिट्टी) में फैले वायरस के कणों को सीधा अन्दर जाने से रोकता है। बाज़ार में इस समय उपलब्ध किट्स जैसे कि कानों के लूप्स व ऐनकों वाले N95/N99 मास्क अथवा फेस शील्ड सब इस किट में पहले से ही फिट हैं। इस किट के साथ जुड़े सूती कपड़े के बने दस्ताने विशेष तौर पर तैयार किए गए हैं तथा यह न केवल सैनीटाईज़र को स्वयं में बहुत अधिक समय के लिए प्रयोग हेतु सोख लेते हैं, अपितु प्रयोक्ता हेतु इन्हें पहन कर अन्य कार्य करने भी आसान हैं।

पीपीई किट को पिछली ओर से चेन के साथ बन्द किया जा सकता है जबकि इसका अगला भाग, जो सीधा संक्रमित व्यक्ति के सामने रहता है, पूर्णतया ढंका रहता है। इस संस्थान के बायोटेेक्नोलोजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. महेश कुमार साह ने इंडस्ट्रियल एंड प्रोडक्शन इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अरविंद भारद्वाज और एनआईटी के निदेशक प्रोफेसर ललित अवस्थी के साथ मिल कर विकसित किया है। डॉ. महेश ने बताया कि इस किट का डिजाइन पंजाब सरकार के ‘इनोवेशन एण्ड इनक्यूबेशन सेंटर’ के पास भेज दिया गया है।

संपूर्ण शरीर के कवर के अतिरिक्त, दो अलग कवर ‘बॉडी-टोर्सो पीपीई कवर’ एवं ‘हेड मास्क पीपीई’ भी विभिन्न स्तर की सुरक्षा मुहैया करवाने हेतु विकसित किए गए हैं, जिन्हें वे लोग सुगमतापूर्वक इस्तेमाल कर सकते हैं, जिन्हें सुरक्षा की आवश्यकता है। नियमित यात्रा करते रहने वाले व स्वास्थ्यकर्मियों के अलावा पुलिसकर्मी व अन्य लोग आसानी से इन कवर्स का उपयोग कर सकते हैं।

एनआईटी के निदेशक डॉ. अवस्थी ने कहा कि उनका उद्देश्य एक ऐसी पीपीई किट तैयार करना था कि जो संपूर्ण हो, सुविधाजनक व इस्तेमाल में आसान हो और व्यावसायिक तौर पर उपलब्ध प्रायः प्रयोग में लाई जाने वाली किट्स जैसी कोई कमियां जिसमें न हों। उन्होंने कहा कि इस कवर को आम ऐप्लीकेशन (स्तर - 1) हेतु बहुत कम निर्माण लागत 500/- रुपए से तैयार किया गया है तथा इसके स्थान पर विशेष ऐप्लीकेशन्स (स्तर 2-4) हेतु बेहतर सामग्रियों का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इसके पेटेंट के लिए निवेदन दे दिया गया है तथा संभावी समन्वय से इसके डिज़ाइन की गुणवत्ता में सुधार लाने और अन्य अधिक ऐप्लीकेशन्स वाले उत्पाद तैयार करने के प्रयास जारी हैं।

महेश विक्रम

वार्ता


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