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पंजाब में सतर्कता आयोग के गठन, प्री-प्राईमरी शिक्षकों के 8393 पद भरने को मंजूरी

पंजाब में सतर्कता आयोग के गठन, प्री-प्राईमरी शिक्षकों के 8393 पद भरने को मंजूरी

चंडीगढ़, 23 सितम्बर(वार्ता) पंजाब सरकार ने राज्य में सतर्कता आयोग के पुन: गठन, राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण के कामकाज सम्बंधी नियमों तथा स्कूलों में प्री-प्राइमरी शिक्षकों के 8393 पद भरने को आज मंजूरी प्रदान की।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक राज्य सतर्कता आयोग का फिर से गठन करने सम्बंधी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। कैप्टन सिंह ने वर्ष 2006 में भी इस आयोग का गठन किया था जिसे अकालियों ने सत्ता में आने के बाद वर्ष 2007 में भंग कर दिया था। प्रस्तावित आयोग राज्य सतर्कता ब्यूरो तथा सभी विभागों की कार्यप्रणाली पर नज़र रखते हुये पादर्शता सुनिश्चित करेगा। आयोग में राज्य मुख्य सतर्कता आयुक्त के रूप में एक चेयरमैन और सतर्कता आयुक्त केे रूप में दो सदस्य होंगे तथा इनका कार्यकाल पांच वर्ष का होगा। चेयरमैन पद पर नियुक्ति के लिये उच्च न्यायालय के जज अथवा केंद्रीय सचिव पद के समकक्ष अधिकारी पात्र होगा। इन पदों पर नियुक्ति मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिशों पर की जाएगी। कमेटी में विधानसभा अध्यक्ष और मंत्रिमंडल में सबसे वरिष्ठ मंत्री इसका सदस्य होंगे। आयोग, ब्यूरो की विभिन्न सरकारी विभागों की जांचों की प्रगति और लम्बित मामलों की समीक्षा करेगा।

मंत्रिमंडल ने स्कूलों में प्री-प्राईमरी शिक्षकाें 8393 पद भरने को भी मंज़ूरी प्रदान की। इन भर्तियों में अनुभवी वॉलंटियरों को विशेष प्राथमिकता तथा उम्र में भी छूट प्रदान की जाएगी। सरकार का मानना है इन भर्तियों से प्री-प्राईमरी सरकारी स्कूलों में दाखिलों की संख्या बढ़ेगी और वे निजी शिक्षण संस्थाओं से और प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकेंगे। इन भर्तियों से पहले तीन वर्षों में परीवीक्षाकाल के दौरान सालाना 103.73 करोड़ रुपए तथा परिवीक्षा अवधि पूरा होने के बाद सालाना 374.20 करोड़ रुपए का सरकारी खजाने पर बोझ पड़ेगा। हालांकि राज्य में लगभग 12000 प्री-प्राईमारी शिक्षकों की ज़रूरत है लेकिन राज्य की वित्तीय हालत सभी पदों पर भर्ती करने की स्थिति में नहीं है। हालांकि सरकार ने कहा कि शेष पदों पर भर्ती करने के प्रयास किये जाएंगे।

बैठक में इस वर्ष की शुरुआत में स्थापित पंजाब राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण के कामकाज के संचालन नियमों को भी मंजूरी प्रदान की गई ताकि यह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपायुक्त और अन्य रैंकों के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गम्भीर आरोपों में की प्रभावी ढंग से जांच कर सके। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डा. एन. एस. कलसी प्राधिकरण के चेयरमैन नियुक्त किये गये हैं।

रमेश1906जारी वार्ता


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