बठिंडा, 24 सितंबर (वार्ता) भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) के धरने के बाद परसों वापिस आ रहे मानसा जिले के गाँव किशनगढ़ के किसानों के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले में मुआवजा न मिलने से खफा दोबारा आईटीआई चौक पर धरने पर बैठ गये।
इस दुर्घटना में एक किसान मुखत्यार सिंह की मौत हो गई थी और 12 किसान जख्मी हो गए थे। यूनियन के जिला प्रधान शिंगारा सिंह, मानसा जिले के सीनियर सह प्रधान जोगिन्द्र सिंह दयालपुरा ने बताया कि कल भी आई जी बठिंडा रेंज जसकरन सिंह के साथ बैठक हुई जिसमें किसानो ने मारे गये किसान के परिवार को दस लाख रुपए का मुआवज़ा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और परिवार का कर्जा माफ करने की मांग की। इसके अलावा घायलों का समुचित उपचार करवाने और उन्हें दो-दो लाख रुपए का मुआवज़ा देने की भी मांग की गई।
भाकियू प्रधान ने बताया कि कल रात जब किसानों ने अल्टीमेटम देकर जाम खोल दिया तो पुलिस प्रशासन की तरफ से मसला हल करवाने का भरोसा दिया गया था। इसके इलावा अस्पताल में मरीजों का हालचाल जानने पहुंचे वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, गुरप्रीत सिंह कांगड़ और पंजाब प्रधान सुनील जाखड़ ने भी किसानों को मुआवजे का आश्वासन दिया था।
भाकियू एकता उग्राहां के प्रेस सचिव जसवीर सिंह ने जानकारी दी कि आज हालांकि जिला पुलिस व प्रशासन से किसान नेताओं ने बात की तो सरकार की तरफ से कोई मुआवज़ा नहीं देने की बात सामने आई। किसान नेताओं ने 2018 में मानसा जिले के ही किसानों की चंडीगढ़ रैली से वापसी के दौरान सड़क हादसे में मौत होने पर मुआवज़े के तौर पर 10 लाख रुपए और ज़ख़्मियों को एक -एक लाख रुपए मुआवज़ा दिए जाने की मिसाल भी दी।
प्रशासन से कोई ठोस आश्वासन न मिलने के बाद भाकियू एकता उग्राहां अपना धरना जिला प्रशासनिक कम्प्लेक्स से हटा कर दोबारा आईटीआई चौक ले गई, जिस दौरान पुलिस बल भी मौजूद था जिन्होंने किसानों को रोकने की कोशिश भी की, परन्तु सड़क जाम करने में किसान कामयाब रहे। शाम के समय भी यह धरना ऐसे ही जारी था।
सं महेश विक्रम
वार्ता