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424 किसानों समूहों और 481 किसानों ने सब्सिडी पर खरीदीं पराली प्रबंधक मशीनें

जालंधर, 09 अक्तूबर (वार्ता) पंजाब में फसलों के अवशेषों के निस्तारण के लिए इन -सीटू प्रबंधन कार्यक्रम के अधीन राज्य सरकार की तरफ से दी जा रही सब्सिडी पर मिलने वाली हाई -टैक मशीनों को किसान खरीद रहे हैं।
जिला उपायुक्त घनश्याम थोरी ने शुक्रवार को बताया कि ज़िला प्रशासन की तरफ से पराली जलाने के ख़िलाफ़ चलाए गए जागरूकता अभियान का हिस्सा बनते हुए कई किसानों ने कृषि और किसान भलाई विभाग की तरफ से सब्सिडी पर उपलब्ध करवाई जा रही हाईटैक मशीनों की निजी खरीद की है। इसके साथ ही कईं किसान समूह भी इन मशीनों को खरीदने के लिए आगे आए है।
उन्होनें बताया कि पिछले दिनों विभाग की तरफ से निकाले गए ड्रा में सफल हुए 454 किसान समूहों की तरफ से जहाँ यह मशीनें खरीदी गई हैं वहीं ड्रा में सफल हुए 331 किसानों ने निजी स्तर पर इन मशीनों की खरीद की है।
उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 98 प्रतिशत मशीनों बांटी जा चुकी है। अभी धान की कटाई का सीजन चल रहा है और अगले सप्ताह यह और तेज हो जायेगा। ऐसे में ये मशीनें धान की पराली के प्रबंधन के लिए इस्तेमाल की जाएंगी, जिससे पराली जलाने का रुझान कम होगा।
उपायुक्त ने बताया कि जिले में पहली बार 16 पंचायतों ने भी क्रास रैज़ीड्यू मशीनों (सीआरएम) के लिए अप्लाई किया और इन मशीनों की ख़रीद की, जिनका प्रयोग गाँव निवासियों की तरफ से भी किया जायेगा। इससे पराली जलाने के मामलों में गिरावट आएगी और वातावरण प्रदूषण को कम किया जा सकेगा। उन्होनें बताया कि 189 सहकारी सभाओं, 750 कस्टम हायरिंग सैंटरों और पंचायतों आदि को छोटे और मझोले किसानों को पहल के आधार पर फसलों के अवशेषों के प्रबंधन की मशीनें उपलब्ध करवाने की हिदायतें दी गई हैं।
जालंधर के मुख्य कृषि अधिकारी डा. सुरिन्दर सिंह ने बताया कि विभाग की तरफ से फसलों के अवशेषों के निस्तारण प्रोग्राम के अधीन किसानों को सुपर एसएमएस, चोपर श्रैडर, मलचर, रोटावेटर और आरएमबी सुपर एसएमएस उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और कैंपों में किसानों को इन मशीनों के लाभ के बारे में बताया जा रहा है। उन्होनें किसानों से पराली न जलाने की अपील करते कहा कि इससे मिट्टी के कई पौष्टिक तत्व जल जाते हैं और कई हानिकारक गैसें पैदा होती हैं, जो मानवीय सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक हैं। उन्होनें किसानों को कहा कि पराली की खेतों में निपटारे के लिए विभाग की तरफ से सब्सिडी पर मुहैया करवाई जाने वाली अति आधुनिक मशीनों का प्रयोग किया जाये।
ठाकुर जितेन्द्र
वार्ता
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