राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Oct 11 2020 5:16PM अब शहरी एरिया में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में गोलमाल हुआ उजागरजींद, 11 अक्तूबर (वार्ता) प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) में हरियाणा केे उचाना व जींद ग्रामीण के बाद अब जींद शहरी एरिया में भी ढाई लाख रुपये के गबन का मामला सामने आया है। सीडीपीओ कार्यालय जींद में अप्रेंटिस पर रहे अतुल (हिसार जिले के गांव मिर्चपुर का निवासी) ने आईडी व पासवर्ड चोरी कर पीएम मातृवंदना योजना में यह गबन किया है। डीएसपी जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में गठित एसआईटी की जांच में सामने आया है कि अतुल ने शहरी एरिया में करीब 50 फर्जी आइडी बनाकर योजना के तहत ढाई लाख रुपये निकाले हैं। इससे पहले उचाना खंड में 295 फर्जी फार्म भरकर वहां से आठ लाख 65 हजार रुपये निकाले थे। इसके अलावा जींद खंड के ग्रामीण एरिया में भी आरोपी ने इसी तरह 438 फर्जी ऑनलाइन फार्म भरकर 21 लाख 90 हजार का गबन किया है। अब तक की जांच में आरोपी की तरफ से 33 लाख पांच हजार रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आ चुका है। इस प्रकरण में महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुलोचना ने सिविल लाइन थाना पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि अतुल जो जींद के सीडीपीओ कार्यालय में दिसंबर 2017 से दिसंबर 2018 तक अप्रेंटिस था, योजना की आईडी व पासवर्ड चोरी किया था। इसके बाद वह फर्जी फार्म भरता रहा और अधिकारियों ने जो मंजूरी देनी थी वह भी ऑनलाइन खुद ही देता रहा। पिछले दिनों उचाना सीडीपीओ कार्यालय का सुपरवाइजर जब रिकार्ड की जांच कर रहा था तो उसके सामने आया कि कुछ महिलाओं का आंगनबाड़ी वर्करों की तरफ से पंजीकरण नहीं किया गया है और विभाग के रिकार्ड में भी उनके नाम दर्ज नहीं है, लेकिन ऑनलाइन फार्म भरकर करीब आठ लाख 65 हजार फर्जीवाड़ा किया गया था। उचाना में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद जींद खंड के फार्मों की जांच शुरू की गई तो वहां भी गबन मिला। इसके बाद शहरी एरिया के फार्मों की जांच की तो सामने आया कि वहां पर 50 ऐसी महिलाओं को गर्भवती दिखाकर फार्म भरे हुए है, जबकि उन महिलाओं के बच्चे काफी बड़े हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पीएम मातृवंदना योजना की पांच हजार रुपये की पूरी राशि जारी होने में करीब एक साल लगता है लेकिन अतुल पूरी प्रक्रिया करके एक सप्ताह में ही राशि को खाते में डाल देता था। विभाग के अधिकारियों के अनुसार आरोपी ने वर्ष 2018 में ही फर्जीवाड़ा करना शुरू कर दिया था और गत जुलाई माह तक फर्जीवाड़ा चलता रहा।सं महेश विक्रमवार्ता