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हरियाणा पीडब्ल्यूडी वर्कर्स यूनियन 15 अक्तूबर को प्रदर्शन करेगी

चंडीगढ़, 13 अक्टूबर(वार्ता) हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन ने राज्य सरकार पर जन स्वास्थ्य, सिंचाई और लोक निर्माण विभाग(भवन एवं सड़कें) विभागों में निजीकरण की नीतियां लागू करने और उनकी मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए 15 अक्टूबर को जिला मुख्यालयों पर प्रर्दशन करने का ऐलान किया है।
यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कृष्ण शर्मा, महासचिव कंवर लाल यादव, कोषाध्यक्ष सूरज प्रकाश भटिया ने आज यहां जारी एक संयुक्त बयान में आरोप लगाया कि राज्य सरकार महामारी को अवसर मान कर विभागों का तेजी से कथित तौर पर निजीकरण कर रही है। इन्होंने कहा कि निजीकरण के सर्वप्रथम निशाने पर जनस्वास्थय है। पानी मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता है ओर इसका कोई विकल्प नहीं है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग का नेटवर्क प्रदेश के शहरों से लेकर गांव तक फैला हुआ है। सभी लोगों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति करना विभाग की जिम्मेदारी है। लेकिन अब सरकार जल घरों का निर्माण करने के बाद उसकी मेंटेनेंस और संचालन का कार्य पांच साल तक के लिए ठेकेदारों को देना चाहती है।
इन्होंने कहा कि यदि पानी की आपूर्ति निजी हाथों में चली जाएगी तो आम लोगों को शुद्ध पेयजल के पीने का पानी भी ऊंची दरों पर खरीदने पर मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि निजीकरण से रोजगार के अवसर समाप्त हो जाएंगे। ऐसे ही हालत सिंचाई विभाग और लोक निर्माण विभाग(भवन एवं सड़कें) में बने हुए हैं।
यूनियन नेताओं ने कहा कि नहरों की देखरेख के लिए बेलदार नहीं है और पम्प हाउस पर ऑपरेटरों की भारी कमी है। सरकार और अधिकारी कर्मचारियों पर नहर के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने का दबाव बनाते हैं। बर्षों से नहरों की सफाई नहीं हुई है और इनमें गाद जमी हुई है जिसके कारण पानी की निकासी नहीं हो पाती हैं। नहरों के गेट काफी पुराने हो चुके हैं। इन्हें उठाने के लिए कर्मचारी नहीं है। उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग ने नए नॉर्म इस ढंग से बनाये हैं जिससे विभाग में कर्मचारियों की संख्या दस गुणा तक कम हो जायेगी।
इन्होंने कहा कि ऐसे ही दशा लोक निर्माण विभाग की है। यहां पर सड़कों के पैच लगाने का काम भी ठेकेदार से कराया जा रहा है। उन्होंने निजीकरण के खिलाफ मजबूत आंदोलन करने का आह्वान किया। उन्होंने सरकार से तीनों विभागों में नियमित भर्ती की मांग की।
श्री शर्मा ने बताया है कि लोक निर्माण विभाग की तीनों शाखाओं में फील्ड कर्मचारियों के वेतन और सेवा नियमों में भारी त्रुटि हैं। तदर्थ और अन्य कच्चे कर्मचारियों को न पक्का किया और न ही समान काम समान वेतन दिया। सोनीपत और करनाल शहर की जल-मल व्यवस्था को वापिस जन स्वास्थ्य विभाग में लाने, पंचायती पम्प चालकों को पूर्ण कालिक वेतन देने, व्यक्तिगत पदों को सामान्य पदो में तब्दील करने आदि मांगो को लेकर संगठन ने राज्य के मुख्य सचिव, को 14 अक्टूबर तक का नोटिस दिया है। यदि सरकार ने मांगों का समाधान नहीं निकाला तो 15 अक्तूबर को पूरे प्रदेश में उपायुक्त कार्यालय पर धरने दिये जाएंगे।
रमेश1553वार्ता
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