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एआईपीईएफ ने बिजली संशोधन विधेयक मसौदे को खारिज करने का किया स्वागत

जालंधर 21 अक्टूबर (वार्ता) ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को तीन कृषि कानूनों के साथ-साथ बिजली संशोधन विधेयक 2020 को खारिज करने की बधाई दी है।
एआईपीईाफ के मुख्य संरक्षक पदमजीत सिंह ने बुधवार को कैप्टन सिंह को पत्र लिखकर उल्लेख किया है कि 20 अक्टूबर को विधानसभा में घोषित बिजली संशोधन विधेयक 2020 को रद्द करने का राज्य सरकार का फैसला वास्तव में सराहनीय एवं स्वागत योग्य कदम है। यह एक ऐसा कदम है जिसका अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पालन करने की जरूरत है। बिजली संशोधन विधेयक 2020 के अलावा केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने मानक बोली के मसौदे के दस्तावेज भी तैयार किए हैं, जो पूरे देश के बिजली वितरण क्षेत्र को बेचने के लिए हैं।
एआईपीईएफ के प्रवक्ता वी के गुप्ता ने कहा कि प्रस्तावित बिजली संशोधन विधेयक 2020 और मानक बोली दस्तावेज 'सार्वजनिक एकाधिकार' से 'निजी एकाधिकार' तक ले जाएगा। अपरिवर्तनीय कदम उठाने से पहले मौजूदा निजी उपयोगिताओं के प्रदर्शन और पिछले निजीकरण की गहन जांच की जरूरत है।
इसी बीच केरल सरकार ने कहा है कि पावर समवर्ती सूची का हिस्सा है और उसका बिजली क्षेत्र के निजीकरण का कोई इरादा नहीं है। इसमें केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा राज्य डिस्कॉम के निजीकरण के लिए सितंबर में जारी मानक बिडिंग दस्तावेजों (एसबीडी) के मसौदे पर कड़ी आपत्ति जताई गई है। केरल राज्य बिजली बोर्ड (केएसईबी) के अध्यक्ष और प्रबंधक निदेशक एन एस पिल्लई ने कहा कि एसबीडी मसौदे में राज्यों के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया गया है और उनके स्वामित्व वाली उपयोगिताओं के निजीकरण के तरीकों और साधनों को निर्देशित करने का प्रयास किया गया है। ठाकुर, उप्रेती
वार्ता
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