राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Nov 15 2020 7:00PM हरियाणा के अनेक हिस्सों में बारिश और ओले गिरने से फसलें बिछींहिसार, 15 नवम्बर (वार्ता) पश्चिमी विक्षोभ के चलते रविवार दोपहर बाद हरियाणा के हिसार और फतेहाबाद जिलों समेत प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम एकदम से बदल गया तथा गरज-चमक के साथ तेज बारिश हुई और ओले गिरे जिससे जहां आम जनजीवन प्रभावित हुआ वहीं खेतों में सरसों की फसल बिछ गई।सुबह से आसमान में बदल छाए हुए थे और दोपहर बाद 3.30 बजे बारिश शुरू हो गई जो एक घंटे तक जारी रही। हिसार और फतेहाबाद में अचानक तेज बारिश हुई। हिसार में ओले भी गिरे। बारिश के कारण तापमान में गिरावट आई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आने वाले दिनों में तापमान और गिरेगा। हिसार में अभी तक रात्रि तापमान में गिरावट देखने को मिल रही थी लेकिन अब दिन का तापमान भी गिर सकता है।पश्चिमी विक्षोभ के कारण रविवार को दिनभर बादल छाए रहे। हिसार शहर, बालसमंद और डाबड़ी गांव में ओलावृष्टि हुई। इसके साथ ही आसपास के गांवों में बारिश हुई। रविवार को अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम नीचे 26.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रात्रि तापमान में तीन डिग्री की गिरावट के साथ 10.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। वहीं दीवाली पर हुई आतिशबाजी के कारण हुआ प्रदूषण बारिश के कारण नीचे आ गया। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते राज्य में कई क्षेत्रों में सोमवार को भी बादल छाए रहने और बारिश की सम्भावना है। किसानों को फसलों की बिजाई और अन्य कार्यों को लेकर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।बारिश और ओलावृष्टि से सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। हिसार जिले के टोकस पातन, आर्य नगर, लुदास, गंगवा, हिंदवान, रावलवास, धिरणवास और आसपास के क्षेत्र में हुई भारी ओलावृष्टि के कारण सरसों की फसलों में 80 से 100 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। किसानों ने सरकार से तुरंत गिरदवारी करा कर नुकसान का आंकलन कराने और मुआवजा देने की माँग की है। नहरी पानी की कमी की समस्या से झूझ रहे किसानों पर कुदरत का कहर बरपा है। 42 दिन की नहरबंदी के कारण किसानों ने ट्यूबवेल से सिंचाई कर बड़ी मुश्किल से जैसे तैसे कर सरसों की बिजाई की थी, अब ओलावृष्टि से किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। सं.रमेश1900वार्ता