Wednesday, Apr 24 2024 | Time 15:03 Hrs(IST)
image
राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचल


हरियाणा में किसानों को 50 हजार सौर ऊर्जा पम्प मुहैया कराने का लक्ष्य

चंडीगढ़, तीन दिसम्बर(वार्ता) हरियाणा के बिजली, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह ने कहा है कि बिजली से सौर ऊर्जा में स्थानातंरित होना एक अच्छा कदम है तथा इस कड़ी में राज्य सरकार ने 50 हजार सौर ऊर्जा संचालित पम्प किसानों को मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है।
श्री सिंह ने आज यहां वर्चुअल माध्यम से हरियाणा के नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (हरेडा) द्वारा वर्ष 2017-18 और 2018-19 के लिए आयोजित राज्य स्तरीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ियों के लिए सतत विकास और बेहतर भविष्य के लिए विवेकपूर्ण और समझदारी से अपने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करना चाहये। केंद्र सरकार ने वर्ष 2030 तक 450 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा शक्ति का उपयोग करने का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू किया है। अब तक लगभग 89 गीगावॉट का लक्ष्य प्राप्त किया जा चुका है। हरियाणा में भी, अब तक अक्षय ऊर्जा की लगभग 561 मेगावाट क्षमता जोड़ी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार 75 प्रतिशत सब्सिडी के साथ 15000 सोलर पम्प की स्थापना के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम लागू कर रही है जिसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से पर्यावरण के अनुकूल तरीके के माध्यम से किसानों की सिंचाई जरूरतों को पूरा करना है।
नवीन एवं नवीकरणीय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.सी. गुप्ता भी वर्चुअल माध्यम से समारोह में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक में हरियाणा गत वर्ष पूरे देश में प्रथम रहा है। विभाग के महानिदेशक डा. हनिफ कुरैशी ने बताया कि सौर ऊर्जा और ग्रीन ऊर्जा को बढ़ाने के लिए पंचकूला को चयनित किया गया हैं। उन्होंने बताया कि ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता के लिए किए गए प्रयासों के तहत राज्य हर साल ऊर्जा उपभोक्ताओं की विभिन्न श्रेणियों को पुरस्कार देता है जिसमें एक शील्ड, प्रमाण पत्र और 50 हजार रुपये से लेकर दो लाख रूपए तक नकद पुरस्कार दिया जाता है।
इन्हीं पुरस्कारों के तहत वर्ष 2017-18 के लिए 18 आवेदनों में से सात का चयन किया गया है। एक मेगावाट से अधिक उद्योगों की श्रेणी के लिए प्रथम पुरस्कार जिंदल स्टेनलेस स्टील, हिसार और दूसरा पुरस्कार डीसीएम टैक्सटाईल, हिसार को दिया गया। 500 किलोवाट से नीचे के सरकारी भवनों की श्रेणी में, बीएसएनएल टेलीफोन एक्सचेंज, बहादुरगढ़ को प्रथम और बीएसएनएल, टेलीफोन एक्सचेंज, भिवानी को द्वितीय पुरस्कार दिया गया। संस्थानों और संगठनों की श्रेणी में, जे.सी. बोस विश्वविद्यालय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, वाईएमसीए, फरीदाबाद को प्रथम, सर्वश्रेष्ठ ऊर्जा ऑडिटिंग/ग्रीन बिल्डिंग फर्मां की श्रेणी में ए-जेड एनर्जी इंजीनियर्स, फरीदाबाद को भी प्रथम तथा टेक्निकल मैनेजमेंट कंसल्टेंसी सेंटर (टीएमसीसी), पंचकुला को इस श्रेणी में द्वितीय पुरस्कार दिया गया है।
इसी तरह वर्ष 2018-19 के लिए, 32 आवेदनों में चयनित आठ तथा एक अन्य को प्रशस्ति पत्र के लिए चुना गया है। एक मेगावाट से ऊपर के उद्योगों की श्रेणी के लिए पहला पुरस्कार ग्रासिम भिवानी टेक्सटाइल्स लिमिटेड, दूसरा पुरस्कार कैरिज एंड वैगन रिपेयर वर्कशॉप, उत्तर रेलवे, जगाधरी, वाणिज्यिक भवन की श्रेणी में एक मेगावाट या उससे अधिक का लोड जुड़ा होने पर आईटीसी ग्रीन सेंटर, गुरूग्राम को प्रथम पुरस्कार दिया गया। 500 किलोवाट से नीचे के सरकारी भवनों की श्रेणी में, बीएसएनएल टेलीफोन एक्सचेंज, कुरुक्षेत्र को प्रथम पुरस्कार मिला। संस्थानों और संगठनों की श्रेणी में, सनातन धर्म कॉलेज, अंबाला कैंट को प्रथम, जीडी गोयनका विश्वविद्यालय, शिक्षा सिटी, सोहना-गुड़गांव को द्वितीयतथा अल्ट्राटैक सीमेंट लि. पानीपत को प्रशस्ति पत्र से नवाजा गया।
रमेश1916वार्ता
image