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राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को 477 किसानों ने अपने खून से लिखा पत्र भेजा

सोनीपत, 23 दिसंबर (वार्ता) हरियाणा में सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर धरनारत 477 युवा किसानों ने बुधवार को अपने खून से लिखे पत्र को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेज कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है।
कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए किसानों ने अपने खून से पत्र लिखकर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजने की एक नई मुहिम शुरू की है। कुंडली बार्डर से 477 युवा किसानों ने अपने खून से लिखा पत्र राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजा है। किसानों ने पत्र में लिखा है कि तीनों कृषि कानून काले कानून हैं। इससे किसान बर्बाद हो जाएंगे। काॅरपोरेट के लिए किसानों को तबाह न किया जाए। सरकार जब तक उनकी सुनवाई नहीं करेगी, वे अपने परिवार के साथ बाॅर्डर पर ही जमे रहेंगे।
तीन कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन उग्र होता जा रहा है। किसानों ने दिल्ली बार्डर के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर पर गांव प्रीतमपुरा से आगे जाने का रास्ता बंद कर दिया है। किसानों का कहना है कि वे आंदोलन में बाहरी हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं, इसलिए धरनास्थल तक केवल किसानों के ही वाहन जा सकेंगे। किसानों ने आज कुंडली-गाजियाबाद -पलवल (केजीपी) और कुंडली- मानेसर-पलवल (केएमपी) के जीरो पॉइंट पर भी नाकाबंदी कर यातायात को अवरुद्ध कर दिया। अब तक केएमपी पर जाने वाले वाहन केजीपी-केएमपी जीरो प्वाइंट से आगे प्रीतमपुरा मोड़ से केएमपी पर चढ़ जाते थे, लेकिन अब किसानों ने उसे बंद कर दिया गया है। इससे जीरो प्वाइंट के पास वाहनों की कतार लग गई है। पुलिस को भारी वाहनों को केजीपी की ओर मार्ग परिवर्तन करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। उन्हें अब पहले केजीपी पर टोल प्लाजा तक जाना होगा, फिर वहां से यू-टर्न लेकर केएमपी की ओर जाना होगा। इससे वाहनों को तीन किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना होगा और जाम की समस्या से भी जूझना होगा।
सं. उप्रेती
वार्ता
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