Saturday, Apr 20 2024 | Time 18:40 Hrs(IST)
image
राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचल


किसान आंदोलन के कारण बदल सकते हैं पंजाब के राजनीतिक समीकरण

वेरका, 28 दिसंबर (वार्ता) केन्द्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि सुधार कानूनों का किसानों द्वारा लंबे समय से चल रहे विरोध का सामान्य नागरिकों पर भी खासा असर दिखाई देने लगा है। किसान आंदोलन का जिस प्रकार राजनैतिक दलों के साथ-साथ सामान्य नागिरक भी समर्थन कर रहे हैं, उससे आने वाले समय में पंजाब में राजनैतिक समीकरणों में भी बदलाव आ सकता है।
डीएवी कॉलेज के प्रो दरबारा सिंह के नेतृत्व में आज वेरका के समूह नागरिकों ने क्रमवार भूख हड़ताल आरंभ की है। प्रो दरबारा सिंह ने बताया कि कृषि कानूनों के विरोध में वेरका के लोगों ने रिलायंस की लगभग एक हजार मोबाइल सिम कार्ड तोड़ कर सड़कों पर फेंक दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पंजाब , हरियाणा, केरल और अन्य राज्यों के किसान संगठन एक साथ दिल्ली में इक्टठे हुए हैं, उससे लगता है कि आने वाले समय में किसान संगठनों द्वारा संयुक्त तौर पर राजनैतिक दल बनाने की भी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि नागरिकों का विरोध केवल कृषि कानूनों तक ही सीमित नहीं रहेगा। यह विरोध अब बढ़ कर ईवीएम मशीन, रिलायंस पेट्रोल पंप और कार्पोरेट घरानों के खिलाफ भी होगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घरों या अन्य भवनों पर रिलायंस कम्युनिकेशनस के टावर लगे हैं, वे भी इन टावरों को बंद करवाने के लिए राजी हो गए हैं। इन लोगों ने टावरों को बंद करवाने के लिए दो दिन का समय मांगा है।
प्रो. सिंह ने कहा कि कोरोना की आढ़ में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। लोकतंत्र पर अफसरशाही हावी है। उन्होंने कहा कि देश में अभी तक अंग्रेजों के बनाए हुए कानून ही लागू हैं। जिन्हे बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार केन्द्र सरकार निजीकरण का बढ़ावा दे रही है, उससे देश एक बार फिर से कार्पोरेट घरानों का गुलाम हो जाएगा।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
image