Friday, Mar 29 2024 | Time 16:35 Hrs(IST)
image
राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचल


हकृवि के वैज्ञानिकों ने जई की दो नयी किस्में कीं विकसित

चंडीगढ़, 29 दिसंबर (वार्ता)चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने जई की एक साथ दो नई व उन्नत किस्में विकसित की हैं।
ये किस्में ओएस 405 व ओएस 424 हैं जिन्हें विश्वविद्यालय के अनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग के चारा अनुभाग द्वारा विकसित किया गया है। विश्वविद्यालय द्वारा विकसित इस किस्म को भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कृषि एवं सहकारिता विभाग की ‘फसल मानक, अधिसूचना एवं अनुमोदन केंद्रीय उप-समिति’ द्वारा नई दिल्ली में आयोजित बैठक में अधिसूचित व जारी कर दिया गया है। बैठक की अध्यक्षता भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के फसल विज्ञान के उपमहानिदेशक डॉ. टी.आर. शर्मा ने की।
जई की इन किस्मों में ओएस 405 को भारत के मध्य क्षेत्र मुख्यत: महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य यू.पी. और ओएस 424 को पहाड़ी क्षेत्र जिसमें हिमाचल,जम्मू-कश्मीर व उत्तराखंड के लिए सिफारिश किया गया है। हालांकि इस किस्म को विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एचएयू में ही विकसित किया है।
विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. एस.के. सहरावत ने आज यहां बताया कि इन किस्मों में अन्य किस्मों की तुलना में प्रोटीन अधिक है, जो पशु के दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी करती है। ये किस्में उत्पादन व पोषण की दृष्टि से बहुत ही बेहतर हैं। ओएस 405 किस्म में हरे चारे के लिए प्रसिद्ध किस्म कैंट व ओएस 6 की तुलना में 10 प्रतिशत तक अधिक हरा चारा मिलता है। इसी प्रकार उक्त किस्मों की तुलना में सूखे चारे की पैदावार भी 11 प्रतिशत तक अधिक है। उन्होंने बताया कि इस किस्म में हरे चारे की उपज 513.94 क्विंटल प्रति हेक्टेयर व सूखे चारे की उपज 114.73 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिलती है। इससे लगभग 15.39 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक बीज प्राप्त किया जा सकता है। ये किस्में पत्ता झुलसा रोग के प्रति प्रतिरोधी हैं। इसी प्रकार ओएस 424 किस्म में हरे चारे की पैदावार 296.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर व सूखे चारे की पैदावार 65.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक आंकी गई है। ओएस 424 किस्म से लगभग 13.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक बीज प्राप्त किया जा सकता है।
विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता एवं आनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ए.के. छाबड़ा ने बताया कि ओएस 405 किस्म को विकसित करने में इस विभाग के चारा अनुभाग के वैज्ञानिकों डॉ. डी.एस. फोगाट, डॉ. योगेश जिंदल, डॉ. आर.एन. अरोड़ा, डॉ. एस.के. पाहुजा की टीम मेहनत रंग लाई है। इसके अलावा डॉ. एल.के. मिढ़ा, डॉ. एस.के. गांधी व डॉ. यू.एन. जोशी का भी विशेष सहयोग रहा है। इसी प्रकार ओएस 424 किस्म को विकसित करने में इस विभाग के चारा अनुभाग के वैज्ञानिकों डॉ. डी.एस. फोगाट, डॉ. योगेश जिंदल, डॉ. आर.एन. अरोड़ा, डॉ. डॉ. एन.के. ठकराल की टीम मेहनत रंग लाई है। इसके अलावा डॉ. आर.एस. श्योराण, स्वर्गीय डॉ. अनिल गुप्ता व डॉ. यू.एन. जोशी का भी विशेष सहयोग रहा है।
नई किस्म को विकसित करने वाली टीम सदस्य आनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग के चारा अनुभाग के अध्यक्ष डॉ. डी.एस. फोगाट ने बताया कि हालांकि इस किस्म को एचएयू में ही विकसित किया गया है, लेकिन कमेटी द्वारा इसकी गुणवत्ता व पैदावार को ध्यान में रखते हुए अभी ओएस 405 को भारत के मध्य क्षेत्र मुख्यत: महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य यू.पी. और ओएस 424 को पहाड़ी क्षेत्र जिसमें हिमाचल व जम्मू-कश्मीर के लिए सिफारिश किया गया है। इस किस्म को प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में परीक्षण के तौर पर लगाया गया था, जहां इसके बहुत ही सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इसलिए यहां किसानों के लिए भी इसकी सिफारिश संबंधी प्रपोजल जल्द ही कमेटी को भेजा जाएगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने कृषि वैज्ञानिकों को इस उपलब्धि पर बधाई दी और भविष्य में भी निरंतर प्रयासरत रहने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी विश्वविद्यालय के चारा अनुभाग के वैज्ञानिकों द्वारा विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अब तक 9 किस्में विकसित की जा चुकी हैं, जो अपने आप में इस क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है।
शर्मा
वार्ता
More News
पंजाब में हथियार सहित तीन बदमाश  गिरफ्तार

पंजाब में हथियार सहित तीन बदमाश गिरफ्तार

29 Mar 2024 | 3:32 PM

मोहाली 29मार्च (वार्ता) पंजाब में एसएसओसी मोहाली ने पवित्तर चौरा और हुसनदीप सिंह के नेतृत्व वाले चौरा माधरे गिरोह के तीन गुर्गों को गिरफ्तार किया है।

see more..
image