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पंजाब ने कोरोना काल में किया मैडिकल केयर ढांचे का नवीनीकरण

चंडीगढ़, 29 दिसंबर (वार्ता) पंजाब चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग ने बीत रहे साल में कोरोना संकट का मुकाबला करने के लिये बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए शानदार काम किया और कोरोना को हराने के लिये मेडिकल ढांचे का नवीनीकरण किया।
पटियाला, अमृतसर और फऱीदकोट मैडिकल कॉलेज को 1494 आइसोलेशन बैड और 374 आईसीयू डीएचयू बिस्तरों समेत 3711 बिस्तरों का इंतजाम किया । कोरोना संकट में दस हजार से अधिक कोविड-19 पॉजि़टिव मरीज़ आइसोलेशन वार्डों में दाखि़ल हुए और 8500 से अधिक मरीज स्वस्थ होकर घर लौट गये । यह जानकारी चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री ओम प्रकाश सोनी ने आज यहां दी ।
उन्होंने बताया कि तीन सरकारी मैडीकल कॉलेजों में कोविड-19 पॉजि़टिव मरीज़ों के लिए समर्पित लेबर रूम और आइसोलेशन वार्ड स्थापित किए गए हैं। विभाग ने कोविड-19 स्थिति के प्रबंधन के लिए उपलब्ध सुविधाओं की पहचान करने और ज़रूरत पडऩे पर उनको अतिरिक्त स्रोत मुहैया करवाने के लिए 76 मापदंडों के पैमाने पर तकरीबन 250 निजी अस्पतालों का व्यापक सर्वेक्षण किया। राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के प्रबंधन के लिए सूपर स्पैशलिस्ट और माहिर डॉक्टरों, नर्सों और अन्य पैरामैडिक्स के 1822 पद विशेष तौर पर मंज़ूर किए गए। एक माहिर समूह राज्य में तीसरे दर्जे की सेवाओं की नियमित रूप से निगरानी करता है। राज्य में टेस्टिंग में तेज़ी लाने के लिए आरटी-पीसीआर टेस्टिंग के लिए प्रतिदिन 26,500 टैस्टों की सामथ्र्य वाली सात लैबें स्थापित की गई हैं। अब तक कुल 27,34,826 टैस्ट किए जा चुके हैं।
श्री सोनी ने कहा कि जीएमसीएस पटियाला, अमृतसर और फऱीदकोट में तीन प्लाज़्मा बैंक स्थापित किए गए हैं। इन जी.एम.सी.एस. की सहायता के साथ पंजाब भर में प्लाज़्मा के 158 यूनिट एकत्रित किए गए। प्लाज़्मा निजी अस्पतालों द्वारा मुफ़्त प्रदान किया गया और महामारी के दौरान ओपीडी कार्यशील रहे। सभी प्रक्रियाओं के दौरान मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपीज़) की पालना की गई।
शर्मा
वार्ता
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