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अमरिंदर की केन्द्र से खेती कानून रद्द करने की अपील

अमरिंदर की केन्द्र से खेती कानून रद्द करने की अपील

चंडीगढ़,06 जनवरी (वार्ता)पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि किसानों की माँगों में कुछ भी गलत नहीं है इसलिए समस्या से निपटने के लिये खेती कानूनों को तुरंत ही रद्द किया जाना चाहिए।

नये खेती कानूनों के पहले ही लागू किये जाने संबंधी रिपोर्टों को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए उन्होंने आज यहां कहा कि खाद्य मंत्री भारत भूषण आशु के बयान को एक अखबार द्वारा गलत तरीके से पेश किया गया । इस खबर को अन्यों ने छाप दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब केंद्रीय खेती कानूनों का विरोध करने वाला पहला राज्य था । उन्होंने इस मुद्दे पर भ्रामक प्रचार करने के लिये आम आदमी पार्टी (आप) को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को हमारे बिल राष्ट्रपति को मंज़ूरी के लिए भेजना चाहिए था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

मुख्यमंत्री ने एक मीडिया इंटरव्यू में साफ़ किया कि पंजाब नये कानूनों के जरिये अपने किसानों की जिंदगी को बर्बाद नहीं होने देगा । किसानों और उनके परिवारों की मदद करने के लिए जो भी संभव होगा हम करेंगे । सरकार ने किसानों के लिए दो हैल्पलाईनें भी शुरू की हैं जिन पर वे किसी भी संकट के समय संपर्क कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री से नये कृषि कानून वापस लेने और किसानों के साथ बातचीत करने की अपील करते हुए कैप्टन सिंह ने कहा कि किसानों ने अपना रूख साफ कर दिया है कि कानून रद्द होने तक वे संघर्ष जारी रखेंगे। केंद्र किसानों से बातचीत और सलाह मशविरे के बाद नये कानून ला सकता है।

उन्होंने बताया कि संविधान में कई बार संशोधन किया जा चुका है और हाल ही में लागू किये गए खेती कानूनों को रद्द करने के लिए यह संशोधन फिर किया जा सकता है। अब समय आ गया है कि किसानों का मसला सुलझा लिया जाये जिससे ठंड और बारिश का सामना कर रहे किसान वापस जाकर अपनी रोज़मर्रा की जिम्मेदारियां निभा सकें।

मुख्यमंत्री ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को नक्सली और दहश्तगर्द कहने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ऐसा करना गलत और ग़ैर-जिम्मेदाराना व्यवहार है।

शर्मा

वार्ता


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