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किसानों ने ट्रैक्टर मार्च में दिखाई अपनी ताकत

सोनीपत 07 जनवरी (वार्ता) कृषि कानूनों के विरोध में गुरुवार को किसानों ने कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) और कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (केजीपी) एक्सप्रेस-वे पर कई किलोमीटर लंबी ट्रैक्टर यात्रा निकाल कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।
ट्रैक्टर यात्रा के दौरान किसान नेताओं का कहना था कि आज की ट्रैक्टर यात्रा ट्रेलर मात्र है, पूरी फिल्म 26 जनवरी को जनपथ पर एक लाख ट्रैक्टरों के साथ यात्रा निकाल कर दिखाएंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज सुबह करीब 10 बजे भारी संख्या में किसान अपने ट्रैक्टर लेकर केएमपी और केजीपी के गोल चक्कर पर पहुंचना शुरू हो गए। एक ट्रैक्टर पर कई-कई किसान सवार थे तथा सभी ट्रैक्टरों पर तिरंगा और किसान यूनियन के झंडे लगे हुए थे। खासकर युवा किसान रह-रहकर किसान यूनियन और भारत माता की नारे लगा रहे थे। करीब 11 बजे ट्रैक्टर केएमपी और केजीपी पर चढ़ना शुरू हुए तो कई किलोमीटर लंबी कतार बन गई।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आयोजित ट्रैक्टर मार्च के दौरान केएमपी पर केवल किसान और ट्रैक्टर ही दिखाई दिए। कुंडली में आंदोलनरत किसान सुबह 10 बजे से किसान ट्रैक्टर के साथ केएमपी-केजीपी के गोलचक्कर के पास इकट्ठा होने लगे थे। 11 बजते ही ट्रैक्टर पर तिरंगा और विभिन्न किसान संगठनों का झंडा लगाकर किसान ट्रैक्टर लेकर केएमपी पर चढ़ गए और फर्राटा भरने लगे। केजीपी-केएमपी के गोलचक्कर के पास बैरिकेड लगाकर पुलिस ने ट्रैक्टर के अलावा दूसरे किसी भी वाहन को एक्सप्रेस-वे पर नहीं चढ़ने दिया। ट्रैक्टर लेकर किसान बहादुरगढ़ की ओर बढ़े और इसी तरह दूसरी तरफ से ट्रैक्टर लेकर आ रहे किसानों के जत्थे से मिलकर शाम तक वापस कुंडली लौट गए।
दूसरी ओर पूर्व निर्धारित इस यात्रा में शामिल होने के लिए सुबह-सुबह जिले के विभिन्न गांवों से भी किसान अपने ट्रैक्टर लेकर निकले और शहर से होते हुए आंदोलन स्थल पर पहुंचे। अचानक से शहर की सड़काें पर सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टरों के आने से कई जगह जाम लग गया। दूसरी ओर, यात्रा के चलते पुलिस ने एहतियात के तौर पर केएमपी और केजीपी के रास्ते दिल्ली जाने वाले वाहनों के रूट डायवर्ट करते हुए उन्हें भी शहर की अंदरूनी सड़कों से गुजारा। इसके कारण दिनभर शहर में जाम की स्थिति बनी रही। सेक्टर-12 मोड़ के अलावा महाराणा प्रताप चौक, गोहाना रोड बाइपास व सेक्टर-15 मोड़ से रूट डाइवर्ट किए गए थे। भारी वाहनों को रोका गया, जिससे सड़कों पर लंबी कतारें लग गई।
किसानों के ट्रैक्टर मार्च के कारण पूरा दिन राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-44 और शहर की सड़कों पर जाम लगा रहा। शाम पांच बजे के बाद ही जाम से कुछ राहत मिली। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-44 से होकर केएमपी और केजीपी के रास्ते दिल्ली और आगे की ओर जाने वाले वाहनों को मुरथल और बहालगढ़ से डायवर्ट कर शहर के अंदर से राठधाना रोड या खरखौदा होते हुए दिल्ली की ओर भेजा जा रहा था। अचानक से इन सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में वाहनों के आ जाने के कारण जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। वाहन रेंग-रेंग कर आगे बढ़ रहे थे।
झज्जर जिले के गांव डीघल निवासी किसान नरसी साथी किसानों के साथ ट्रैक्टर पर सवार होकर केएमपी पर यात्रा में शामिल था। खरखौदा के पास वह ट्रैक्टर से नीचे गिर गया, जबकि उसके साथी आगे निकल गए। उनके साथियों को उसके गिरने का पता नहीं चल पाया। पीछे से आ रहे दूसरे किसानों जब नरसी को सड़क पर गिरे देखा तो उसे अपनी गाड़ी में लेकर पिपली टोल पर पहुंचे। यहां पर तैनात पुलिस ने उसे हाइवे एंबुलेंस से सोनीपत के निजी अस्पताल भिजवाया। नरसी को सिर और चेहरे पर गंभीर चोट आई है।
सं.संजय
वार्ता
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