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अन्नदाता की आत्मनिर्भरता में फसल बीमा योजना का महत्वपूर्ण योगदानः अनुराग

शिमला, 13 जनवरी (वार्ता) केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा है कि अन्नदाता के आर्थिक सशक्तिकरण और उन्हें फसली नुकसान से बचाने के लिए केंद्र सरकार की फसल बीमा योजना का महत्वपूर्ण योगदान है तथा इसके अब पांच साल पूरा हो गए हैं।

श्री ठाकुर ने कहा कि अन्नदाता किसान ऊर्जादाता और आर्थिक रूप से समृद्ध बने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निर्णायक कदम उठा रहे हैं। किसानों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पांच वर्ष पूरे हो गए हैं। किसानों को हर साल बाढ़, आंधी, तेज बारिश, प्राकृतिक आग और बादल फटने के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में उन्हें ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से राहत देने के लिए आज से पाँच वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री कृषि फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की शुरूआत की गई थी जिसके अंतर्गत नुकसान का कवरेज बढ़ने और जोखिम कम होने से करोड़ों किसानों को लाभ हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत किसानों को सबसे कम प्रीमियम पर एक व्यापक फसल जोखिम बीमा समाधान मिलता है। यह योजना अन्नदाता की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुई है। कोरोना लॉकडाउन अवधि के दौरान भी लगभग 70 लाख किसानों को इस योजना लाभ हुआ और 8741.30 करोड़ रुपये के दावे लाभार्थियों को हस्तांतरित किए गए।

श्री ठाकुर के अनुसार केंद्र सरकार का प्रयास है कि अधिकाधिक किसानों को इस कल्याणकारी योजना का लाभ मिल सके। किसानों के हिस्से के अतिरिक्त प्रीमियम का खर्च राज्य और केंद्र सरकार द्वारा समान रूप से सहायता के रूप में दिया जा रहा है। पूर्वोत्तर राज्यों में केंद्र सरकार ने 90 प्रतिशत प्रीमियम राशि प्रदान करती है। पीएमएफबीवाई के तहत औसत बीमित राशि पहले प्रति हेक्टेयर 15,100 रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 40,700 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस योजना में साल भर में 5.5 करोड़ किसानों के आवेदन आते हैं। अब तक इस योजना के तहत 90,000 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया जा चुका है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कहा प्रधानमंत्री का संकल्प देश के किसानों की आय 2022 तक दुगुना करना है। किसानों की समस्याओं का समाधान करते हुए, आय दोगुनी करने का संकल्प मोदी सरकार से पहले इस देश में किसी सरकार ने नहीं लिया।
सं.रमेश1828वार्ता
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