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जीवन को सुविधाजनक बनाती है भौतिकी : प्रोफेसर समर सिंह

हिसार, 16 जनवरी (वार्ता) कृषि हमारे जीवन के लिए भोजन उपलब्ध कराती है लेकिन भौतिकी इस जीवन को सुविधाजनक बनाती है।
भौतिक विज्ञान का मौलिक उद्देश्य यह है कि आवश्यक कार्यों को सुनिश्चित करने वाले पदार्थों का चयन कैसे किया जाए। पदार्थ का लक्षण वर्णन हमें न केवल सर्वोतम पदार्थ प्राप्त करने की अनुमति देता है बल्कि इसके विकास के दौरान इसकी सीमाओं और बाधाओं को दूर करने की भी अनुमति देता है। उक्त विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने व्यक्त किए।
वे मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के भौतिकी विभाग में ‘स्मार्ट पदार्थों के लिए लक्षण वर्णन तकनीक’ का कृषि में उपयोगिता विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय वेबिनार के दौरान बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भौतिकी विज्ञान का हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण रोल है परंतु कृषि में इसका योगदान बहुत ही सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि पदार्थ विज्ञान, भौतिकी के विशिष्ट क्षेत्र में से एक है जिसका उपयोग पदार्थो के भौतिक गुणों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। एयरस्पेस प्रयोगशाला, बेंगलुरू से वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉॅ. अंजना जैन ने स्मार्ट पदार्थ और उनके उपयोग के बारे में जानकारी देते हुए पीजो-इलेक्ट्रिक क्रोमो-एक्टिव एवं फोटो-एक्टिव ग्राफीन जैसे नौवल और स्मार्ट पदार्थों का वर्णन किया।
अन्य वक्ताओं ने भौतिकी में स्मार्ट पदार्थों को पहचाने और उनके गुणों को बताने के लिए उपकरणों पर विचार विमर्श किया। वक्ताओं के अनुसार स्मार्ट पदार्थों का अनूठी विशेषताओं के कारण इनका इंजीनीयरिंग और चिकित्सा में व्यापक प्रयोग हैं। ये सभी विशेषताएं कृषि विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में भी बहुत उपयोगी हैं जिनमें कृषि मौसम विज्ञान, कृषि विज्ञान, मृदा विज्ञान जैव प्रोद्यौगिकी आदि शामिल हैं। आज के युग में बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण जहां हमें कृषि उत्पादन बढ़ाना बहुत अनिवार्य है वहीं पर स्मार्ट पदार्थ कृषि उत्पादन में सुधार करने के लिए अहम भूमिका निभा रहे है।
उदाहरण के तौर पर फसल सुधार के लिए कीटनाशकों और उर्वरकों को लागु करने के लिए कृषि रसायनों के नैनोफॉर्मुलेशन, कृषि रसायनों के रोगों और अवशेषों की पहचान के लिए फसल सरंक्षण में नैनोसेंसर का उपयोग और नैनोडिवाइस। विभिन्न उपयोगों के लिए स्मार्ट पदार्थों की प्रयोज्यता पदार्थ की विशेषताओं पर निर्भर करती है। इन स्मार्ट पदार्थों के विभिन्न रासायनिक और भौतिक गुणों की जांच हेतु अलग-अलग उपकरणों का प्रयोग किया जाता है।
माइक्रोवेव संवेदन के लिए विभिन्न स्मार्ट पदार्थों को विकसित करने के लिए पदार्थ पहचान, सत्यापन और निश्चित संरचनात्मक जानकारी को समझने के लिए स्मार्ट पदार्थों का यह संरचनात्मक लक्षण वर्णन आवश्यक है। स्कैनिंग इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोपी और परमाणु बल माइक्रोस्कोपी तकनीको का उपयोग स्मार्ट पदार्थों के सतह लक्षण वर्णन के लिए किया जाता है। पराबैंगनी-दृश्यमान पतली फिल्मों में संचारण प्रतिबिंब अवशोषण गुणांक, बैंड गैप आदि के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
विभागाध्यक्ष डॉ. पॉल सिंह ने सभी वक्ताओं का स्वागत करते हुए बताया कि इस वेबिनार के लिए लगभग 500 प्रतिभागियों ने पंजीकरण किया और 300 से अधिक प्रतिभागी इस वेबिनार में शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन भौतिकी विभाग की प्रोफेसर डॉ. रीटा दहिया व सहायक प्रोफेसर डॉ. विनय कुमार ने किया।
वेबिनार के दौरान छात्रों, शिक्षकों, विद्वानों और विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने वक्ताओं के साथ प्रश्नोत्तर भी किए। अनुसंधान निदेशक डॉ. एस.के. सहरावत व मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. राजवीर सिंह ने विभाग द्वारा आयोजित इस वेबिनार की सराहना की और सहायक प्रोफेसर डॉ. विनय कुमार ने सभी का वेबिनार में शामिल होने के लिए धन्यवाद किया।
सं शर्मा
वार्ता
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