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कुंडली बॉर्डर पर किसानों ने उपवास रख सरकार के लिए मांगी सदबुद्धि

सोनीपत 30 जनवरी (वार्ता) हरियाणा में सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर धरनारत हजारों किसानों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर शनिवार को एक दिन का उपवास रखा और भगवान से सरकार के लिए सदबुद्धि की कामना की।
कुंडली बॉर्डर पर हजारों किसान एक दिन के उपवास पर बैठे। किसानों ने शांति और सद्भावना के लिए प्रार्थना की। उन्होंने सरकार के लिए सदबुद्धि की कामना की ताकि सरकार किसान के प्रति नरम रवैया अपनाते हुए इन तीन कानूनों को रद्द करे और एमएसपी पर लिखित गारंटी दे। साथ ही किसानों ने सिंघु बार्डर पर शनिवार को हुई मारपीट की कड़ी निंदा करते हुए इसे भाजपा और संघ की साजिश बताया है। किसान नेताओं ने कई भाजपा नेताओं के नाम बताते हुए पुलिस में लिखित शिकायत दी है।
किसान नेताओं ने कहा कि अब जल्द ही संयुक्त मोर्चा की बैठक बुलाकर आंदोलन की अगली रणनीति की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने बातचीत का रास्ता बंद किया है, संगठन हमेशा सरकार के बुलावे पर गए हैं। लेकिन सरकार की नीयत और नीति दोनों ही स्पष्ट नहीं है, इसलिए मसले का हल नहीं निकलता दिखता।
इधर, किसान मजदूर संघर्ष समिति पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू, महासचिव सरवन सिंह पंढेर और वरिष्ठ उपाध्यक्ष स्वर्ण सिंह ने कहा कि सिंघु बार्डर पर किसानों पर हमला करने के लिए भाजपा और संघ के सदस्यों को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही इन पर कारवाई की मांग की है और कहा है कि अगर पुलिस ढील बरतती है, तो वह हाईकोर्ट जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने कई युवा सदस्यों को जबरन उठाने का आरोप भी पुलिस पर लगाया है।
देर शाम को पत्रकारों से बातचीत में किसान नेताओं ने बताया कि शनिवार को भाजपा के पूर्व विधायक नीलदमन खत्री, भाजपा जिलाध्यक्ष नरेला अमित कालिया, घोघा गांव के रवि भारद्वाज और प्रदीप खत्री ठोलेदार के नेतृत्व में किसानों पर शरारती तत्वों ने हमला किया। पुलिस ने अभी तक इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके विपरीत, किसानों के खिलाफ धारा 307 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
उन्होंने कहा कि वह पहले ही हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आवेदन कर चुके हैं, लेकिन पुलिस ढील बरत रही है। अब वह कानून का सहारा लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर हैं। वहीं, इस घटना से आक्रोश फैल गया है। इससे पंजाब और हरियाणा और देशभर के किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में दिल्ली की ओर मार्च कर रहे हैं। इससे आंदोलन को और बल मिला है।
इधर, गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर परेड के बाद से सैंकड़ों किसान लापता हैं, जिनका कोई पता नहीं चल पा रहा है। ना तो पुलिस इनके बारे में कुछ बता रही है औेर ना ही ये लोग लौट कर अपने घर पहुंचे हैं। ऐसे में किसान यूनियन ने शनिवार को हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इस नंबर 9315848586 पर ऐसे लोगों की जानकारी दी जा सकती है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि केस व लापता किसानों की जानकारी इस नंबर पर दें।
साथ ही चढूनी ने कहा कि आंदोलनकारियों पर जो भी मुकदमें हुए हैं, उन सबके केस किसान यूनियन लड़ेगी और उसका खर्च भी किसान यूनियन उठाएगी।
सं.संजय
वार्ता
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