Thursday, Apr 25 2024 | Time 15:54 Hrs(IST)
image
राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचल


पीयूडीआर ने दिशा रवि की तुरंत रिहाई की मांग की

चंडीगढ़, 18 फरवरी (वार्ता) पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राईट्स (पीयूडीआर) ने बेंगलुरू से पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की तुरंत रिहाई की मांग की।
पीयूडीआर सचिव राधिका चितकारा और विकास कुमार के यहां जारी बयान में कहा गया कि 13 फरवरी को ‘टूलकिट‘ षड्यंत्र में दिशा की गिरफ्तारी पूरी तरह नाजायज है क्योंकि कई कानून ज्ञाताओं तक का कहना है कि उस ‘टूलकिट‘ में हिंसा भड़काने जैसी कोई बात नहीं थी।
किसान आंदोलन के संदर्भ में दिशा ने वह टूलकिट संपादित और साझा की थी जो वायुपरिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थम्बर्ग ने टि्वटर पर अपलोड की थी। इसी प्रकरण में नितिका जैकब और शांतनु मुलुक के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी किये जाने के बाद उन्हें बंबई उच्च न्यायालय से गिरफ्तारी पूर्व जमानत लेनी पड़ी है।
पीयूडीआर के अनुसार पर्यावरण संस्था फ्राईडेस फॉर फ्यूचर की भारतीय शाखा की सदस्य की सदस्य दिशा कोे जुलाई 2020 में पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन (ईआईएस) अधिसूचना को लक्षित ईमेल अभियान के लिए गैरकानूनी गतिविध प्रतिरोधक कानून व सूचना प्रौैद्योगिकी कानून के तहत नोटिस जारी किये गये थे जो बाद में वापस ले लिये गये लेकिन वह पुलिस राडार पर आ गईं।
पीयूडीआर के अनुसार दिशा के खिलाफ राजद्रोह कानून का इस्तेमाल करना भी गलत है क्योंकि उच्चतम न्यायालय 1962 में कह चुका है कि यह कानून केवल हिंसा भड़काने वाली बातों के संदर्भ में इस्तेमाल किया जा सकता है जबकि यहां असहमति के शांतिपूर्ण तरीकों की बात थी।
पीयूडीआर ने आरोप लगाया कि राजद्रोह कानून का राजनीति प्रेरित इस्तेमाल हो रहा है और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार 2018 व 2019 में 163 मामले इसके तहत दर्ज किये गये, जिनमें 43 में मुकदमे पूरे हो पाये और केवल तीन मामलों में दोष साबित हो पाया।
पीयूडीआर के अनुसार गिरफ्तारी दिशा के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विरोध प्रदर्शन के लोकतांत्रिक अधिकारों पर सीधा हमला है और किसानों की मांगों से ध्यान भटकाती है जिन्हें हल करना सरकार की जिम्मेवारी है।
पीयूडीआर ने मांग की है कि दिशा को तुरंत रिहा किया जाए, उनके व अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द की जाए और राजद्रोह कानून को खत्म किया जाए।
महेश विक्रम
वार्ता
image