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अनेक बीमारियों के इलाज में रामबाण साबित हुई ओजोन थेरेपी

जालंधर 01 मार्च (वार्ता) देश-विदेश में विभिन्न रोगों के उपचार के लिए कई तरह की चिकित्सा पद्धतियों का सहारा लिया जा रहा है। इसी सिलसिले में ओजोन थेरेपी अनेक बीमारियों के इलाज में रामबाण साबित हो रही है।
आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देश भर से बीस डॉक्टर्स ओजोन थेरेपी के कोर्स करके थेरेपी के प्रचार प्रसार में जुट जाएंगे। उत्तर भारत से डॉ समीर और डॉ रोहित इसमें शामिल है ये दोनों पंजाब में लोगों की ओजोन थेरेपी से उपचार करेंगे।
दंत चिकित्सक डॉ. समीर नैय्यर तथा इनके सहयोगी दंत चिकित्सक डॉ. रोहित अरोड़ा ने सोमवार को बताया कि इस थेरेपी का प्रचार प्रसार पंजाब में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के आयुष विभाग ने भी इस थेरेपी को अपनी सूची में शामिल कर लिया है जिससे उत्साहित होकर उन्होंने बाकायदा ऑक्सीहील के नाम से चिकित्सा केंद्र खोलने की योजना बनाई है, जिसमें सिर्फ इसी थेरेपी के जरिए रोगों का उपचार किया जाएगा।
डॉ. समीर ने बताया कि ओजोन गैस की खोज हालांकि सबसे पहले फ्रांस के वैज्ञानिकों ने वर्ष 1913 में की थी परन्तु इसका चिकित्सकीय उपयोग सर्वप्रथम वर्ष 1920 में जर्मन के वैज्ञानिकों ने पहले विश्व युद्ध में घायल हुए अपने सैनिकों के इलाज पर किया जिसमें उन्हें उल्लेखनीय सफलता मिली। तत्पश्चात यूरोप तथा अमेरिका में और विशेषकर क्यूबा में इस पर काफी काम हुआ पर भारत में इस और कोई खास ध्यान नहीं गया। परन्तु अब देश में भी इस पर काम चल रहा है और पुणे स्थित .नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नेचरोपैथी में इसे पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया है। लुधियाना में एक जाने माने चिकित्सक डॉ. सीबिया इसी थेरेपी से अपने मरीजों का सफल इलाज करते आ रहें हैं।
डॉ. समीर नैय्यर ने इस क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों की चर्चा करते हुए बताया कि उन्होंने अपने मुख्य पेशे के साथ-साथ समय निकाल कर ओजोन थेरेपी के बारे में जानकारी हासिल करनी शुरू की व विदेशों में स्थित कई संस्थानों से ऑन लाइन जुड़ कर तमाम सामग्री जुटाई। इस थेरेपी को सीखने के अलावा इसके प्रयोग सबसे पहले स्वयं पर व फिर अपने परिजनों पर किए जिसके उत्साहवर्धक परिणाम प्राप्त हुए। फिर उन्होंने इन प्रयोगों अपने पास आने वाले दांत के मरीजों पर भी किए जिसके परिणाम भी सुखद व आश्चर्यजनक रहे। इसके बाद अन्य मरीजों को भी अपने अध्ययन के माध्यम से ठीक करने में सफलता पाई तो उन्होंने इसे बाकायदा पूरा समय देने का निर्णय करते हुए ऑक्सी हील चिकित्सा केंद्र खोलने का निश्चय किया। उन्होंने बताया कि ये गैस हमारे शरीर में जाकर ऑक्सीजन को अधिक सक्रिय कर देती है जिससे मरीजों को आराम मिलता है।
ठाकुर राम
वार्ता
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