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हरियाणा की 42212 वर्ग किलोमीटर भूमि का बनेगा डिजिटल रिकार्ड

चंडीगढ़, 03 मार्च(वार्ता) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेशभर की 42212 वर्ग किलोमीटर जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
श्री खट्टर ने मुख्यमंत्री सिविल सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में राजस्व विभाव के अधिकारियों की बैठक के दौरान ये निर्देश दिये। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन का रिकॉर्ड इस प्रकार से तैयार किया जाए जिसमें जमीन के स्वामित्व के बारे में जानकारी के साथ ही यह भी स्पष्ट रूप से जानकारी हो कि उक्त जमीन का कब्जा किसका है। यदि जमीन का कब्जा मालिक के पास न हो तो उक्त कब्जे को छुड़वाने के लिए कानूनी तरीके अपनाए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक इंच जमीन का भी डिजिटल रिकॉर्ड बनने से नहीं रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार एक ऐसी योजना पर काम कर रही है जिसके लागू होने पर प्रदेश की किसी भी तहसील में देश के किसी भी कोने में बैठकर रजिस्ट्री कराई जा सकेगी। उन्होंने इस प्रक्रिया को जल्द अमलीजामा पहनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य जमीन पंजीकरण में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाना है। उन्होंने भविष्य में स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही लैंड एक्सचेंज बनाने के लिए ऑप्शन पोर्टल शुरू करने की योजना पर भी काम करने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा कि कई बार कोई जरूरतमंद अपनी जमीन बेचना चाहता है लेकिन समय से उसे कोई खरीददार नहीं मिलता। ऐसे में कोई ऐसा पोर्टल बनाया जाना चाहिए जहां पर जमीन को बेचने वाला और खरीदने वाला अपनी जानकारी अपलोड कर सके। इससे खरीदने और बेचने वाले दोनों को लाभ होगा।
श्री खट्टर ने इस दौरान म्यूटेशन प्रक्रिया को भी और आसान तथा ऑनलाइन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिस जमीन की रजिस्ट्री ऑनलाइन हो, उसका म्यूटेशन तय समय मे स्वत: प्रक्रिया से हो जाना चाहिए। ऐसे रजिस्ट्रेशन पर कोई आपत्ति भी ऑनलाइन ही मांगी जानी चाहिए और तय समय मे म्यूटेशन की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था देना है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में कारगर साबित होगी। उन्होंने तहसीलों में पर्याप्त मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी.एस. ढेसी, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं राजस्व विभाग के वित्तायुक्त संजीव कौशल और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर के अलावा विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
रमेश 2007वार्ता
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