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अवैध खनन रोकने के लिये इन्फोर्समेंट डायरेक्ट्रेट के गठन का ऐलान

चंडीगढ़, 05 मार्च (वार्ता) पंजाब में अवैध खनन की समस्या को खत्म करने का संकल्प दोहराते हुये मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की कमान के तहत प्रवर्तन निदेशालय के गठन का आज विधानसभा में ऐलान किया ।
पिछली अकाली-भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सदन के नेता ने कहा कि उनकी सरकार ने चार सालों में खनन के राजस्व को नियमित किया है , अब बड़े स्तर पर अवैध खनन पर नकेल कसी गई है। उनके सत्ता संभालने के समय य खनन से राजस्व केवल 35 करोड़ रुपए सालाना था, जो अब 250 करोड़ रुपए तक बढ़ गया है जिसमें 215 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है। अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के दस सालों में 2150 करोड़ रुपए का नुकसान राज्य को हुआ ।
उन्होंने विधानसभा को बताया कि उनकी सरकार ने पिछले साल कानून सख़्ती के साथ लागू किये और अब अवैध खनन को रोकने के लिए माईन्ज़ और मिनरलस (डिवैल्पमैंट और रैगूलेशन) एक्ट 1957 और पंजाब माइनर मिनरल रूल्ज, 2013 की धाराओं को लागू करने के लिए सख़्ती की । अवैध खनन में लिप्त होने वालों के लिए इन कानूनों के अंतर्गत 5 साल की कैद और 5 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर जुर्माना लगेगा।
कैप्टन सिंह ने कहा कि जिस तरह राज्य में नशों पर नकेल कसने में एस.टी.एफ. को सफलता मिली है, उसी तरह खनन संबंधी इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट भी इन कानूनों का सख़्ती से पालन को यकीनी बनाएगा।
कैप्टन सिंह राज्यपाल के अभिभाषण पर लाये गये धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। गुरूवार को डॉ. राज कुमार वेरका द्वारा लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव को सदन द्वारा सर्वसम्मति के साथ पास कर दिया गया।
बहबल कलां और कोटकपूरा में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और पुलिस गोली कांड में शामिल सभी दोषियों को सजाएं दिलाने पर जोर देते हुये उन्होंने कहा कि उनकी सरकार द्वारा इस मामले की जांच के लिए गठित आयोग की सिफारिशों के अंतर्गत अब तक 5 पुलिस और सिविल अधिकारियों की पहचान करके कानूनी कार्यवाही करने के लिए नामजद किये गए हैं, जबकि पांच व्यक्तिों को अदालत ने दोषी करार दिया है।
शर्मा
वार्ता
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