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रबी सीजऩ से पहले आढ़तियों के लिए बड़ी राहत की घोषणा

चंडीगढ़, 31 मार्च (वार्ता) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कल से शुरू होने वाले रबी खरीद सीजऩ से पहले आढ़तियों को बड़ी राहत देते हुए दुकानों की बकाया राशि और ब्याज में छूट प्रदान करने की घोषणा की है।
उन्होंने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में राज्य सरकार की अनूठी पहल ‘विवादों का समाधान’ के तहत आढ़तियों को डिफाल्ट राशि पर ब्याज में 40 प्रतिशत की छूट और दंडात्मक ब्याज शत प्रतिशत माफ करने की घोषणा की। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे पी दलाल भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के तहत अनाज मण्डियों और सब्जी मण्डियों के जो प्लॉटधारक किन्हीं कारणों से समय पर अपनी किस्त का भुगतान नहीं कर पाए, उन के लिए अब डिफाल्ट राशि पर ब्याज में 40 प्रतिशत और दंडात्मक ब्याज को शत-प्रतिशत माफ करने का निर्णय लिया है, बशर्ते कि प्लॉटधारक 15 जून, 2021 तक पूरी शेष राशि जमा करवा दें।
उन्होंने कहा कि इस समय हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के 2421 आबंटी डिफॉल्टर हैं जिनकी तरफ लगभग 1131 करोड़ रूपये की राशि बकाया है। आज की घोषणा के बाद प्लॉटधारकों को 370 करोड़ रुपये (ब्याज में 40 प्रतिशत की छूट और शत प्रतिशत दंडात्मक ब्याज माफी) का लाभ होगा।
श्री खट्टर के अनुसार विवादों का समाधान पहल के तहत हाल ही में प्रदेश सरकार ने हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) के भूखंडों की बकाया राशि पर ब्याज और दंडात्मक ब्याज के भुगतान में बड़ी राहत की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्लॉट की लागत और एनहांस्ड कॉस्ट के एकमुश्त भुगतान के लिए एक योजना लाई गई है, जिससे 2250 उद्योगपति लाभान्वित होंगे। इस योजना के तहत 31 मार्च 2021 तक की देनदारियों के लिए ओवरडयू ब्याज पर 25 प्रतिशत की छूट और दंडात्मक ब्याज 100 प्रतिशत माफ किया जाएगा, बशर्ते पूरी शेष राशि का भुगतान 30 जून तक एक बार में ही किया जाए। इससे 1500 करोड़ रुपये की बकाया राशि में से 225 करोड़ रुपये के लाभ होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कल से एक्सटेंशन फीस स्ट्रक्चर को तर्कसंगत व सरल बनाया जाएगा । एक्सटेंशन फीस को पहले की अपेक्षा कम भी किया गया है। श्रेणी ए संपदा के लिए चौथे और पाँचवें वर्ष की एक्सटेंशन फीस 50 रुपये प्रति वर्ग मीटर, श्रेणी बी संपदा के लिए 25 रुपये प्रति वर्ग मीटर और श्रेणी सी संपदा के लिए 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर होगी।
उन्होंने कहा कि एक्सटेंशन फीस के मामले में भी उद्योगपतियों को राहत दी गई है। अब 6 वर्ष से अधिक की कोई भी एक्सटेंशन मान्य नहीं होगी और प्लाट की अनिवार्य रूप से नीलामी की जाएगी। छह साल के बाद यदि कोई आवंटी परियोजनाओं को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं, तो वह प्लॉट को सरेंडर कर सकता है अथवा एचएसआईआईडीसी के माध्यम से प्लॉट नीलाम करवा सकता है।
शर्मा
वार्ता
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