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जिले में संभावित बाढ़ से सुरक्षा के लिए कार्यों की शुरुआत

जालंधर, 07 अप्रैल (वार्ता) आगामी मानसून के मौसम के दौरान बाढ़ से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन जालंधर आने वाले दिनों में नालियों की सफाई के अलावा सतलुज नदी के किनारे बाढ़-सुरक्षा कार्यों की एक श्रृंखला शुरू करने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को एक राज्य स्तरीय बाढ़ सुरक्षा समीक्षा बैठक में भाग लेते हुए उपायुक्त घनश्याम थोरी ने जालंधर में प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सतलुज नदी के किनारे आने वाले दिनों में करोड़ों रुपए के कार्यों का एक सिलसिला शुरू किया जाना चाहिए ताकि मानसून के मौसम से पहले ये काम पूरा हो सके।
उपायुक्त ने कहा कि प्रस्तावित कार्यों को उन गांवों में किया जाएगा, जो 2019 की बाढ़ के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित थे। उन्होंने कहा कि 34़20 करोड़ रुपये की लागत से मावल, माओ साहिब, गन्ना पिंड, थम्मूवाल, मडाला, जनिया, मंडला, गिद्दपिंडी और कई अन्य गांवों में प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत, स्टड और स्पर मरम्मत का काम किया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव पहले ही सरकार को भेजे गए थे। श्री थोरी ने कहा कि मानसून के इस मौसम में ये कार्य बाढ़ विरोधी तंत्र को मजबूत करेंगे।
उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि पिछले वर्ष के दौरान प्रशासन द्वारा 3.39 करोड़ रूपये से तटबंधों का निर्माण, स्टडों का निर्माण और पुन: निर्माण शामिल हैं, और इन सभी कार्यों को जोड़ने वाले नालों की सफाई को निर्धारित समय-सीमा में पूरा किया गया था।
श्री थोरी ने बताया कि उल्लेखनीय रूप से, 2019 के दौरान जिले में 21 स्थानों पर बाढ़ आई थी, जिससे कुल 103 गांव प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि प्रशासन भविष्य में किसी भी तरह की समान स्थितियों को रोकने के लिए इन सभी संवेदनशील बिंदुओं और गांवों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि मॉनसून की शुरुआत में, जिला, सब डिवीजन और तहसील स्तर के बाढ़-नियंत्रण कक्षों को विभागों के बीच उचित निगरानी और समन्वय के लिए कार्यात्मक बनाया जाता है।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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