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सरकार ने तीन नये कानून बनाकर नियम तोड़े: मोर्चा

सोनीपत 20 अप्रैल (वार्ता) संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा के कुंडली बॉर्डर पर मंगलवार को आयोजित अंतररष्ट्रीय संगोष्ठी में सयुक्त राष्ट्र में किसानों के अधिकारों की घोषणा के बारे में जानकारियां देते हुए बताया कि इन घोषणों पर देश की सरकार ने भी हस्ताक्षर किए हुए हैं। इसके बावजूद सरकार तीन नये कानून लेकर आई औेर लागू किए।
आज आयोजित संगोष्ठी में संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि यह नये कानून सीधे तौर पर संयुक्त राष्ट्र के घोषणा पत्र के विपरित हैं और नियमों को तोड़ कर लागू किए गए हैं। मोर्चा का कहना है कि इसलिए किसानों ने अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में यह मुद्दा उठाया है, ताकि संयुक्त राष्ट्र को भी पता चले कि भारत की सरकार किसानों के साथ कैसे मनमानी कर रही है।
इधर, किसान मोर्चा के आह्वान के बाद किसानों और मजदूरों की दिल्ली की सीमाओं पर वापसी शुरू हो गई है। पिछले दिनों में दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे धरनास्थलों पर किसानों की संख्या में बढोतरी हुई है।
मोर्चा का कहना है कि गेंहू कटाई और उठान का पंजाब में लगभग पूरा हो गया है। ऐसे में किसान और मजदूर फिर से धरनों पर लौट रहे हैं। किसानो की बढ़ती भीड़ से सरकार की चिंता बढ़ने लगी है। चूंकि सरकार को लगता था कि कटाई में यह आंदेालन टूट जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा को लेकर केंद्र सरकार से सवाल किया है। मोर्चा का कहना है कि वह एक साल बाद भी श्रमिकों के लिए कोई इंतजाम नहीं कर पाए। इसके साथ ही मोर्चा ने गाजीपुर बार्डर पर खाने पैकेट तैयार कराकर श्रमिकों को बांटने का काम शुरू कर दिया है।
किसान नेताओं ने प्रवासी मजदूरों से अपील की है कि वह अपने जीवन को खतरे में न डालें और जब तक किसानों का धरना चल रहा है, तब तक प्रवासी मजदूर भी यहां शामिल हो सकते है। किसान और अन्य सामाजिक कल्याण के संगठन यहां पर सभी प्रवासी मजदूरों के रहने व खाने का इंतज़ाम कर रहे है। किसान नेताओ ने सांझा संघर्ष लड़ने की भी अपील की।
सं.संजय
वार्ता
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