राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Sep 21 2021 4:48PM नागरिक सेवाओं में देरी करने वाले अधिकारी कड़ी कार्रवाई के लिए रहें तैयार:आयुक्तनूंह 21 सितंबर (वार्ता) हरियाणा ‘सेवा का अधिकार’(आरटीएस) आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने कहा है कि अधिनियम के दायरे में आने वाली सेवाओं के विस्तार के लिए जल्द ही अन्य सेवाओं को भी इसके तहत लाया जाएगा और इनमें देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। श्री गुप्ता ने मंगलवार को नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में प्रशासनिक अधिकारियों, संबंधित विभागों के अध्यक्षों तथा जिले के गणमान्य नागरिकों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जल्द ही प्रॉपर्टी आईडी, परिवार पहचान पत्र में संशोधन, सीवरेज कनेक्शन, खाद व फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजनाओं, मनरेगा, स्वामित्व योजना के तहत किए गए पंजीकरण में शुद्धीकरण, छात्रों को प्रदान की जाने वाली मार्कशीट, डिग्री व स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट, महिलाओं व बच्चों के टीकाकरण जैसी विभिन्न योजनाओं को सेवा का अधिकार अधिनियम में शामिल किया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने विभागाध्यक्षों के लिए सख्त हिदायत के साथ निर्देश दिए कि सेवाओं के निपटान के मामले में विभागों का स्कोर 10 में से कम से कम 9.9 होना चाहिए। इसके अतिरिक्त नागरिकों से सेवाओं के संबंध में ली जाने वाली प्रतिक्रिया के मामले में भी 5 में से कम से कम 4 अंक होने चाहिए। मुख्य आयुक्त ने कहा कि 31 अक्टूबर तक सभी विभाग वर्ष 2020 तक की लंबित सेवाओं के मामलों का निपटान करना सुनिश्चित करें और यदि इन बिंदुओं पर किसी भी अधिकारी की लापरवाही पाई गई तो उन्हें समन कर मुख्यालय बुलाया जाएगा। ऐसे मामलों में 20 हजार रुपये तक की पेनल्टी लगाई जाएगी और यदि किसी एक अधिकारी पर 3 बार इस प्रकार की पेनल्टी लग गई तो उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने की सिफारिश भी सरकार को की जाएगी और उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। अभी तक लापरवाही के मामलों में आयोग ने 250 अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं। मुख्य आयुक्त ने कहा कि फिलहाल 31 विभागों की 546 सेवाओं को आरटीएस में सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें से 277 सेवाएं अंत्योदय सरल, 184 ऑनलाइन पोर्टल तथा 85 ऑफलाइन सेवाएं हैं। ऑफलाइन सेवाओं को भी जल्द ही आनलाइन कर सेवा का अधिकार अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा। जितेन्द्र जारी वार्ता