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सिख वास्तुकला के संरक्षण के लिये सिख हेरिटेज फंड का गठन हो: विशेषज्ञ

जालंधर, 21 सितंबर (वार्ता) सिख वास्तुकला और विरासत के अनुसंधान (रिसर्च), प्रकाशन (पब्लिकेशन) डाक्यूमेंटेशन और सरंक्षण (कन्जरवेशन) के लिये वर्ल्ड हेरिटेज फंड की तर्ज पर सिख हेरिटैज फंड बनाने के लिये सिख संस्थानों, व्यापारियों और सरकारी संगठनों को एकजुट होने की आवश्यकता है।
मंगलवार को सिख वास्तुकला पर अधारित तीन सत्रों पर वर्चुअल रूप से आयोजित हुई सिख आर्किटेक्चर सिंपोजियम के अंतिम दिन भारत और पाकिस्तान के लगभग एक हजार से भी अधिक वास्तुकार मंथन कर रहे थे। साकार फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस संगोष्ठी को सिख चैंबर आफ कामर्स द्वारा समर्थन प्राप्त था जिसे पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा था।
दिल्ली की जानी-मानी आर्किटेक्ट डॉ ज्योति पांडेय ने ‘माडर्नाईजिंग कोलोनियल पंजाब’ विषय पर कहा कि तेजी से आधुनिक होते जा रहे कोलोनियल पंजाब की बैकग्राउंड के उलट, यह चर्चा कपूरथला स्टेट के शासक महाराजा जगतजीत सिंह के स्थापत्य कला प्रेम को बखूबी उजागर करती है। यह उस पहलू पर भी फोकस करती है जिसमें सिख पैटर्न द्वारा अपनी मुस्लिम प्रजा के लिये मस्जिदें बनवाई गईं जो कि मानवतावाद की एक उत्साही भावना को जाहिर करता है। कपूरथला की जामी मस्जिद इस बात का प्रमाण है कि उनके पैटर्न वास्तव में अपने समय के लिये विशेष थे।
‘सेक्रेड आर्किटेक्टचर ऑफ गुरुद्वाराज‘ विषय पर महाराष्ट्र स्थित डॉ कीर्ति भोंसले और आर्किटेक्ट कुलदीप कौर भाटिया ने समूचे विश्व के मॉडर्न गुरुद्वारों से अवगत करवाया। अंतिम प्रेजेंटेशन में करतारपुर साहिब कॉरिडोर परियोजना को डिजाइन करने नयी दिल्ली से आमंत्रित प्रो चरणजीत सिंह शाह ने बताया कि कॉरिडोर परिसर ‘खंड’ पर आधारित गुरु नानक के मिशन को समर्पित है, जो शांति, सद्भाव और यूनिवर्सल एकता का संकेत देता है। कला, वास्तुकला, इंटीरियर, डिस्पले और लैंडस्केप को एकीकृत करने का समग्र दृष्टिकोण निर्जीव ईंटो और कंक्रीट को जीवांत करता है और आसपास के माहौल में एक नई स्फूर्ति प्रदान करता है।
साकार फाउंडेशन के संस्थापक आर्किटेक्ट सुरिन्द्र बाहगा ने तीनों सत्रों का सारांश देते हुये कहा कि सभी विशेषज्ञों का मत था कि वास्तुकला में लुप्त हो रही सिख विरासत को बचाये रखने की जरूरत हैं जिसमें आर्किटेक्ट बिरादरी को अहम जिम्मेवारी लेनी होगी। उन्होंने फंड के गठन पर बल दिया और कहा कि वे एकजुट होकर व्यापारी वर्ग, सिख संगठनों और विभिन्न सरकारों के साथ इस मुद्दे को उठायेंगे।
समापन सत्र में नयी दिल्ली स्थित स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर की ऐसोसियेट प्रोफेसर डॉ आरती ग्रोवर ने कहा कि समकालीन सिख वास्तुकला नई तकनीकों, मैटेरियल्स और नई जीवन शैली को अपना रही है जिसे ओर अधिक बढ़ावा मिलना चाहिए।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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