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हिमाचल में बादल फटने से कृषि योग्य भूमि और फसलें नष्ट

शिमला, 21 सितंबर (वार्ता) हिमाचल प्रदेश में पिछले कई दिन से लगातार हो रही तेज बारिश के कारण जगह-जगह से भूस्खलन और बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है।
कुल्लू जिले के मनाली और सिरमौर में बादल फटने से कृषि योग्य भूमि और फसलें नष्ट होने से बागवानों को भी काफी नुकसान झेलना पड़ा है। पर्यटन नगरी मनाली के बुरुआ गांव में आधी रात को बादल फटने से बाढ़ आ गई। बाढ़ आने से गांव में अफरा तफरी मच गई। बाढ़ का पानी व मलबा गांव में रिहायशी क्षेत्र में घुस गया। ग्रामीणों के घरों व बगीचों में दलदल आ गया। हालांकि गनीमत रही है कि बादल फटने से कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन ग्रामीणों के बगीचों व घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बुरुआ पंचायत के वार्ड छह और चार के ग्रामीणों को अधिक नुकसान हुआ है।
मनाली के तहसीलदार एनएस वर्मा ने बताया कि वह घटना स्थल का दौरा किया और कहा कि लोगों के घरों व बगीचों में बाढ़ का पानी घुसने से नुकसान हुआ है। नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
वहीं जिला बिलासपुर की ऊंची पहाड़ियों पर तेज बारिश के कारण शक्तिपीठ नैना देवी में घरों और दुकानों में बारिश का पानी घुस गया। भूस्खलन के कारण भाखड़ा डैम नंगल-नैना देवी मार्ग बंद हो गया है। जिसके चलते नंगल डैम जाने वाले श्रद्धालुओं को बाया आनंदपुर साहिब भेजा गया है। तेज हवाओं व बिजली कड़कने के कारण नैना देवी में विद्युत सप्लाई भी ठप पड़ गई है।
वहीं, सिरमौर जिला में बारिश लोगों के लिए आफत बन रही है। नाहन तहसील के निहोग के समीप चम्यार कोराड गांव में देर शाम बादल फटने से खडी फसलों का भारी नुकसान हुआ है। राजस्व विभाग द्वारा नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। उधर मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि चार जिलों में भारी बारिश हो सकती है। जिसमें कांगडा, मंडी, सोलन और सिरमौर में अगले 24 घंटों में भारी बारिश होने का अनुमान लगाया है।
उपायुक्त कुल्लू आशुतोष ने बताया कि जिला कुल्लू में भी मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। ऐसे में लोग सावधानी बरतें, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार प्रदेश में इस बार सितंबर के आखिर तक मानसून की विदाई की संभावना है और इस बार मंडी जिले को छोड़कर बाकि जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है, लेकिन इसके बावजूद मानसून इस बार भारी नुकसान देकर जा रहा है। प्रदेश में एक जून से 21 सितंबर तक 642 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। जबकि सामान्य से 737 मिमीटर की तुलना में 13 फीसदी कम है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लाहौल स्पीति में शून्य से 69 प्रतिशत कम (कुल वर्षा 115 मिमी) कम दर्ज की गई चंबा माइनस 43 (581.7 मिमी), सिरमौर माइनस 33 पीसी (1024 .8 मिमी) और सोलन माइनस 20 पीसी (765 मिमी), कुल्लू में 40 प्रतिशत (678.6 मिमी) अधिक वर्षा, जबकि ऊना में शून्य से 15 प्रतिशत (668.9 मिमी) सामान्य है। बिलासपुर आठ प्रतिशत (776.2 मिमी) और कांगड़ा शून्य से आठ प्रतिशत (1438.5 मिमी), किन्नौर माइनस छह पीसी (217.1 मिमी), हमीपुर माइनस चार पीसी (948.3 मिमी) और शिमला एक पीसी (626.5 मिमी) वर्षा दर्ज की गई है।
देवभूमि में आज का अधिकतम तापमान इस प्रकार रहा। सोलन में 22.0, नाहन 26.3, शिमला 19.4, डलहौजी 18.3, चंबा 28.3, केलांग 18.3, धर्मशाला 26.4, कांगडा 28.1, भुंतर 22.6, हमीरपुर 28.7, उना 27.0, सुंदरनगर 24.0, बिलासपुर 29.0 और कल्पा में 15.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
सं शर्मा
वार्ता
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