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चौटाला परिवार में देवी लाल की सियासी विरासत पर काबिज़ होने के लिए मची होड़

चौटाला परिवार में देवी लाल की सियासी विरासत पर काबिज़ होने के लिए मची होड़

सिरसा, 26 सितंबर (वार्ता) पूर्व उप-प्रधानमंत्री दिवंगत चौधरी देवी लाल की सियासी विरासत पर काबिज होने के लिए चौटाला परिवार में मची होड़ कल उनकी जयंती पर भी देखने को मिली।

परिवार की आज चौथी पीढ़ी सियासत में है। देवी लाल के पुत्र ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने हर साल की तरह कल यानी 25 सितंबर को ‘सम्मान दिवस समारोह‘ मनाया और जींद में रैली कर शक्ति प्रदर्शन किया, जिसमें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल,जम्मू के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुला, बिहार से के. सी.त्यागी व पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बिरेंद्र सिंह आदि ने शिरकत की। इनेलो, इधर फिर से ‘गैर कांग्रेसी-गैर भाजपाई“ मोर्चा बनाने की बात कर रहा है।

उधर, 2018 में बगावत का बिगुल बजाकर जननायक जनता पार्टी (जजपा) बनाने वाले दुष्यंत चौटाला, जो 2019 में दस सीटें पाने के बाद मनोहर लाल खट्टर नीत गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं, ने मेवात में चौधरी देवीलाल की प्रतिमा अनावरण के बहाने अलग कार्यक्रम किया। प्रदेश सरकार में बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने अपने सिरसा स्थित आवास पर अपने कार्यकर्ताओं को सहभोज करवाकर पहली बार देवी लाल जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में रानियां से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े और जीते रणजीत सिंह ने चुनाव प्रचार में चौधरी देवी लाल के पोस्टर लगाये थे और विरासत को भुनाने की कोशिश की थी।

हालांकि हाल में पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के जेल से बाहर आने (वह जेबीटी घोटाले में सजा काट रहे थे) के बाद इनेलो में फिर से उम्मीद जगी है कि इनेलो के सितारे, जो पिछले करीब तीन वर्षों से गर्दिश में हैं, फिरेंगे। पिछले विधानसभा चुनाव में इनेलो को सिर्फ एक सीट ऐलनाबाद पर सफलता मिली थी और वह भी अभय चौटाला किसान आंदोलन के समर्थन में छोड़ चुके हैं। इनेलो को इस समय देवी लाल की विरासत का ही सहारा है।

इस संदर्भ में पूर्व मुख्यमंत्री ने यूनीवार्ता से बातचीत में कहा, “स्वर्गीय चौधरी देवी लाल देश के सर्वप्रिय नेता थे और उनकी तस्वीरें कोई भी लगा सकता है मगर उनके नेतृत्व वाले सियासी दल इंडियन नेशनल लोकदल का संचालन हम कर रहे हैं, इसलिए असली सियासी वारिस इनेलो व उससे जुड़े कार्यकर्ता ही हैं।“

सं महेश विजय

वार्ता

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