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एसजेवीएन ने किया सर्वाधिक 2168.67 करोड़ का लाभ अर्जितः नंदलाल शर्मा

शिमला, 01 अक्तूबर (वार्ता) सतलुज जल विद्युत परियोजना ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब तक का सर्वाधिक 2168.67 करोड़ का लाभ अर्जित किया है।
कोविड जैसी वैश्विक संकट के बावजूद एसजेवीएन का इस वर्ष शुद्ध लाभ बीते वर्ष के मुकाबले 133.04 करोड़ अधिक है। यह जानकारी शिमला में एसजेवीएन के प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने आज यहां दी।
श्री शर्मा ने पत्रकारों को आज यहां बताया कि वर्ष 2020-21 में प्रभावित कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट उत्पन्न हुआ है। वन्ही इस दौरान एसजेवीएन के प्रबंधन और कर्मचारियों ने पांच विद्युत् स्टेशनों से 9224 लाख यूनिट विद्युत का उत्पादन करके उत्कृष्ट प्रचालन निष्पादन हासिल करने का अवसर प्राप्त किया। इन विद्युत स्टेशनों की डिजाइन एनर्जी 8700 मिलियन यूनिट है।
एसजेवीएन ने 2020-21 में कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) की पहल के तहत 52.87 करोड़ रुपए खर्च किए तथा पीएसयू अवार्ड श्रेणी में दलाल स्ट्रीट इन्वेस्टमेंट जर्नल ने एसजेवीएन को ‘वर्ष 2020 का सबसे सर्वाधिक कुशल और लाभ अर्ज कर मिनी रत्न’ घोषित किया।
एसजेवीएन के प्रबंध निदेशक नंद लाल वर्मा ने बताया कि एसजेवीएन ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2168.67 करोड़ रुपए का कर पूर्व लाभ (पीएटी) प्राप्त किया है।
कंपनी का शुद्ध लाभ वर्ष 2019-20 में 1557.43 करोड़ रुपए की तुलना में वर्ष 2020-21 में बढ़कर 1633.04 करोड़ रुपए रहा तथा प्रति शेयर आय (ईपीएस) वर्ष 2019-20 में 3.96 रुपए प्रति शेयर से बढ़कर 2020-21 में 4.16 रुपए प्रति शेयर हो गया। एसजेवीएन ने वर्ष 2020-21 के लिए 2.20 रुपए प्रति शेयर के लाभांश की घोषणा की है, जिसमें से फरवरी 2021 में 1.80 रुपए के अंतरिम लाभांश भुगतान किया जा चुका है।
इस अवसर पर 33 साल की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए शर्मा ने बताया कि आज से तीस 1988 में कंपनी ने विद्युत उत्पादन शुरू किया उस समय केवल 1500 मेगावाट की क्षमता थी लेकिन आज 11 हजार मेगावाट हो गई है। उन्होंने बताया कि आज भारत वर्ष में 7 परियोजनाएं कार्य कर रही है जबकि दो देशों नेपाल और भूटान में भी कंपनी पहुंच गई है। कंपनी ने 1500 हजार करोड़ से कार्य शुरू किया था जबकि आज 35 हजार करोड़ तक कारोबार पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि एसजेवीएन को नेपाल सरकार द्वारा नेपाल के भोजपुर जिले में 679 मेगावाट की लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना, हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा चिनाब बेसिन पर 104 मेगावाट की तांदी जलविद्युत परियोजना, 130 मेगावाट की राशिल जलविद्युत परियोजना और 267 मेगावाट की साचखास जलविद्युत परियोजना आबंटित की है।
उन्होंने बताया कि इसी तिमाही की तुलना में 15.86 फीसदी की वृद्धि दर्ज करते हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में एसजेवीएन का कर पूर्व लाभ 445.07 करोड़ रुपए रहा। स्टैंड अलोन शुद्ध लाभ वर्ष 2020-21 की जून तिमाही में 301.08 करोड़ रुपये से 12.77 फीसदी बढ़कर 339.54 करोड़ रुपये हो गया।
जून 2020 में 12332.85 करोड़ रुपए की तुलना में जून 2021 के अंत में एसजेवीएन की कुल परिसंपत्ति बढ़कर 13100.97 करोड़ रुपए रही। शर्मा ने कंपनी की भविष्य की संभावनाओं के बारे में कहा कि एसजेवीएन के परियोजना पोर्टफोलियो का विस्तार जारी है और 11,000 मेगावाट को पार कर गया है।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में तथा 2021-22 की पहली तिमाही में कंपनी ने अपने पोर्टफोलियो में 2525 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता की नई परियोजनाओं को शामिल कर लिया है। एसजेवीएन ने 24 सितंबर, 2021 को इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी लिमिटेड (इरेडा) द्वारा जारी की गई आर एफ पी के आधार पर 1000 मेगावाट की ग्रिड कनेक्टेड सोलर पीवी सौर परियोजना प्राप्त की।
हमारे प्रयासों में परियोजना वित्तपोषण के लिए कम लागत वाले फंड की व्यवस्था करने के लिए बांड्स के माध्यम से प्रति वर्ष 6.1ः की दर से 1000 करोड़ रुपए की राशि जुटाई गयी है तथा ईसीबी के माध्यम से 1.78ः प्रति वर्ष की दर से 500 मिलियन अमरीकी डालर जुटाना योजनाबद्ध है। कंपनी भारत, नेपाल तथा भूटान में जलविद्युत, ताप, सौर तथा पवन क्षेत्रों में परियोजनाओं को निष्पादित कर रही है।
उन्होंने बताया कि कंपनी ने अपना आगामी लक्ष्य निर्धारित किया है जिसके अनुसार एसजेवीएन ने 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट तथा 2040 तक 25000 मेगावाट प्राप्त करने का एक साझा विजन रखा है।
सं शर्मा
वार्ता
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