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तीन प्रमुख निजी कंपनियों के साथ बादलों के समय किए महंगे बिजली समझौते रद्द करे सरकार : चीमा

तीन प्रमुख निजी कंपनियों के साथ बादलों के समय किए महंगे बिजली समझौते रद्द करे सरकार : चीमा

चंडीगढ़, 07 सितंबर (वार्ता) पंजाब में प्रतिपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कांग्रेस सरकार से तीन प्रमुख निजी कंपनियों के साथ बादलों द्वारा किए गए गलत पीपीए पर अपना रूख स्पष्ट करने को कहा है।

श्री चीमा ने आज यहां कहा कि बादल सरकार के समय किए गए पीपीए रद्द किए जाने चाहिए क्योंकि उनके कारण पंजाब बिजली संकट और आर्थिक संकट से उबर नहीं पा रहा है। पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लि. (पीएसपीसीएल) की ओर से चार बिजली उत्पादक प्लांट्स को बिजली खरीद समझौते (पीपीए) रद्द करने के संबंध में भेजे गए नोटिस पर प्रतिक्रिया जताते हुये कहा कि सत्ताधारी कांग्रेस ने बिजली समझौते रद्द करने के मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने के लिए नए हथकंडे अपनाए हैं।

उन्होंने कहा कि यदि सरकार दुर्गापुर, रघुनाथपुर, बोकारो और मेजा उर्जा बिजली प्लांट के साथ बिजली समझौते रद्द कर सकती है तो बादल सरकार के समय किये गये महंगे बिजली समझौतों को रद्द क्यों नहीं कर सकती।

पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी माना था कि निजी कंपनियों के साथ एकतरफा समझौते पंजाब और पंजाब के लोगों को आर्थिक रूप से लूट रहे हैं। इसके कांग्रेस सरकार के पास वेदांत, जीबीटी और एलएंडटी के साथ किए गए महंगे बिजली सौदों के संबंध में स्पष्ट मकसद और नीति नहीं है।

श्री चीमा ने कहा कि निजी बिजली प्लांट्स से बिजली खरीदे बिना प्रति वर्ष करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अब तक पीएसपीसीएल ने तलवंडी साबो, राजपुरा और श्रीगोइंदवाल साहिब में शिअद-भाजपा सरकार के दौरान स्थापित तीन निजी थर्मल के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया था। इस राशि में से बिना किसी आपूर्ति के किया गया करीब 5700 करोड़ रुपये का भुगतान, सवाल खड़े करता है।

आप नेता ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह की तरह चन्नी सरकार भी गलत बिजली समझौते के मामलों में बादलों को बचा रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब में आप की सरकार बनने के साथ ही बादलों द्वारा किए गए गलत बिजली समझौते रद्द होंगे।

शर्मा

वार्ता

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