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मुख्यमंत्री ने की ‘मेरा घर, मेरे नाम’ योजना की घोषणा

मुख्यमंत्री ने की ‘मेरा घर, मेरे नाम’ योजना की घोषणा

चंडीगढ़, 11 अक्टूबर (वार्ता) पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने ‘मेरा घर, मेरे नाम’ योजना का ऐलान करते हुए कहा है कि इस योजना के तहत शहरों और गाँवों के लाल डोरे के भीतर आने वाले घरों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक दिए जाएंगे।

इस सम्बन्ध में समूची प्रक्रिया को दो महीनों के अंदर मुकम्मल कर लिया जाएगा। श्री चन्नी ने आज यहाँ पत्रकारों से कहा कि इससे पहले यह योजना केवल गाँवों के लोगों के लिए शुरू की गई थी जिसका दायरा बढ़ाकर इसे अब लाल डोरे के अंदर रहने वाले शहरों के बाशिंदों के लिए भी लागू किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग को डिजिटल मैपिंग के लिए ग्रामीण और शहरी इलाकों में ऐसीं रिहायशी जायदादों का ड्रोन सर्वे करने की जि़म्मेदारी सौंपी गई है। इसके बाद सभी निवासियों की सही पहचान करने के बाद उनको संपत्ति का मालिकाना हक देने के लिए संपत्ति कार्ड (सनद) दिए जाएंगे।

इस प्रक्रिया से पहले लाभार्थियों को अपने ऐतराज़ दर्ज करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा और इसके लिए सम्बन्धित लोगों से कोई जवाब न आने की सूरत में संपत्ति कार्ड जारी कर दिए जाएंगे, जिससे रजिस्ट्री का मंतव्य पूरा हो जाएगा। इससे वे बैंकों से कर्ज हासिल करने या संपत्ति बेच सकते हैं जिससे संपत्ति की कीमत बढ़ेगी।

श्री चन्नी ने बताया कि शहरों में पुरानी आबादियों (मोहल्लों) में आने वाले घरों में रह रहे लोगों को भी इस योजना के दायरे में लाया जाएगा। एन.आर.आईज़ को भी संपत्ति के मालिकाना हक दिए जा सकें। विदेशों में बसे प्रवासी भारतियों की सम्पत्तियों की रक्षा के लिए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस बारे मेें जल्द ही पंजाब विधानसभा में विधेयक लाएगी। उन्होंने घोषणा की कि एन.आर.आईज़ की मल्कीयत वाली कृषि भूमि की गिरदावरी उनके नाम पर की जाएगी, जिससे उनकी संपत्तियों की गैर-कानूनी/धोखाधड़ी से बिक्री को रोका जा सके।

दो किलोवॉट लोड तक के बिजली बिलों के बकाए माफ करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जाति, नस्ल और धर्म के भेदभाव किए बिना हरेक को इस माफी का लाभ मिलेगा। राज्य के 72 लाख उपभोक्ताओं में से लगभग 52 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। उपभोक्ता को आए पिछले बिल में दिखाए गए बकाए ही माफ किए जाएंगे।

देश में कोयले की कमी के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपेक्षित आपूर्ति को सुनिश्चित बनाने के लिए कोयला मंत्रालय के समक्ष पहले ही यह मुद्दा उठाया गया है, जिससे बिजली संकट को टाला जा सके। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार कोयले की कमी के बावजूद राज्य में बत्ती गुल होने नहीं देगी। जानबूझ कर बिजली का कोई कट नहीं लगाया जाएगा।

इस मौके पर अन्यों के अलावा कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह और गुरकीरत सिंह कोटली के अलावा विधायक मदन लाल जलालपुर उपस्थित थे।

शर्मा

वार्ता

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