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नशे की बुराई को समाप्त करने के लिए सभी का योगदान आवश्यकः राज्यपाल

कुल्लू, 16 अक्टूबर (वार्ता) हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह तभी सार्थक होगा, जब हम समाज से नशा सेवन जैसी सामाजिक बुराई को मिटाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
राज्यपाल कल शाम अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव के विधिवत शुभारम्भ के अवसर पर अटल सदन में आयोजित कार्यक्रम में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समाज में नशा सेवन तेजी से बढ़ रहा है और युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं, जो जानलेवा है। सभी को इसके बारे में गम्भीरता से सोचना चाहिए और योगदान देने के साथ-साथ ठोस कदम उठाने चाहिए। सामाजिक मुद्दों पर जनभागीदारी जरूरी है। राज्यपाल ने कहा कि हमें संकल्प लेना चाहिए कि न केवल खुद को बल्कि दूसरों को भी नशे की बुराई से बचाना है।
श्री आर्लेकर ने कहा कि स्कूल के दिनों में उन्होंने कुल्लू दशहरा के बारे में पढ़ा था और भगवान श्री रघुनाथ जी की कृपा से आज उन्हें यहां आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। कुल्लू दशहरा कई मायनों में अलग है। दुनिया भर में जहां ये आयोजन सम्पन्न होता है वहीं कुल्लू में आरम्भ होता है। यह विविधता हमारी संस्कृति को और समृद्ध बनाती है। उन्होंने कहा कि रथ यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई यह बड़ी बात है, जिसका श्रेय कुल्लू के लोगों को जाता है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए पहली खुराक देने का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है। जनजातीय जिला किन्नौर ने भी वयस्कों को दूसरी खुराक देने का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है।
इससे पूर्व, राज्यपाल ने मेला मैदान में स्थापित भगवान रघुनाथ जी की मूर्ति पर शीश नवाया।
सं शर्मा
वार्ता
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