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कोयले की कमी के कारण 8 में से 7 सरकारी तापीय इकाइयाँ बंद

जालंधर, 16 अक्तूबर (वार्ता) सरकारी ताप संयंत्रों पर कोयले की कमी के कारण आठ में से सात सरकारी तापीय इकाइयां बंद हो गई हैं। रोपड़ थर्मल प्लांट की चारों इकाइयों के बंद होने के बाद पंजाब में बिजली की स्थिति गंभीर बनी हुई है, लेहरा मोहब्बत थर्मल की चार में से तीन यूनिट कोयले की समस्या के कारण बंद हो गई है। तलवंडी साबो की एक इकाई भी तकनीकी खराबी के कारण बंद है।
इंडिया पावर इंजीनियर एसोसिएशन के प्रवक्ता वी के गुप्ता ने बताया कि तीनों निजी बिजली संयंत्रों में से प्रत्येक में दो इकाइयाँ चल रही हैं। राजपुरा और तलवंडी साबो पूरे लोड पर चल रहे हैं, और जीवीके कम लोड पर चल रहे हैं। शनिवार दोपहर बाद निजी ताप संयंत्रों की चल रही छह और एक सरकारी थर्मल यूनिट करीब 3000 मेगावाट बिजली पैदा कर रही हैं। रंजीत सागर और मुकेरियां जलविद्युत परियोजनाओं से पनबिजली उत्पादन 240 मेगावाट है और कुल पनबिजली उत्पादन लगभग 400 मेगावाट है। दशहरा अवकाश के दिन अधिकतम बिजली की मांग करीब 8675 मेगावाट और बिजली आपूर्ति 1772 लाख यूनिट रही।
रोपड़ और लहर मोहब्बत में शुक्रवार और शनिवार की मध्य रात्रि में कोयला स्टॉक क्रमशः 1,5 और 1.1 दिनों के लिए पर्याप्त है। राजपुरा थर्मल के पास 2.5 दिन का स्टॉक, तलवंडी साबो के पास 2.9 दिन का और जीवीके के पास 0.9 दिन का स्टॉक है। पंजाब सरकार द्वारा टाटा मुंद्रा से मांग की गई बिजली की केवल आंशिक आपूर्ति पीएसपीसीएल को गुजरात में उसके थर्मल प्लांट से उपलब्ध कराई गई है।
पंजाब राज बिजली कार्पोशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, राज्य में बिजली की कोई कमी नहीं है और मौसम में बदलाव के साथ बिजली की मांग में कमी आई है। शनिवार और रविवार को छुट्टियों के कारण मांग कम रहती है।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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