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सिंघु सीमा पर दलित हत्याकांड कर चन्नी चुप क्यों: अटवाल

चंडीगढ़, 18 अक्तूबर (वार्ता) पंजाब प्रदेश भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष राज कुमार अटवाल ने दिल्ली-हरियाणा की सिंघु सीमा पर किसान आंदोलन स्थल पर तरनतारन निवासी दलित नौजवान लखबीर सिंह की तालिबानी तरीके से की नृशंस हत्या पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना पर चुप्पी के लिये राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को आड़े हाथ लिया है।
श्री अटवाल ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि इस घटना ने अफगानिस्तान में तालिबालियों द्वारा की जा रही बर्बरता का मंज़र ताज़ा कर दिया है। उन्होंने सवाल किया कि राज्य के मुख्यमंत्री जो स्वयं भी दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, वह इस घटना पर चुप क्यों हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किसान आंदोलन को भड़काया और अब इस पार्टी का कोई नेता किसानों आंदोलन स्थल पर हुई नृशंस हत्या पर मुंह नहीं खाेल रहा है।
भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी, भूपेश बघेल, चरणजीत चन्नी और नवजोत सिद्धू अपनी राजनीति चमकाने के लिए लखीमपुर में डेरे डाल कर बैठे रहे और कथित तौर पर करोड़ों रूपये बांटते रहे। लेकिन इन कांग्रेसियों को अपने कांग्रेस शासित राज्यों में घटित हो रही घटनाएं क्याें नजर नहीं आतीं। उन्होंने कहा कि अराजक तत्व इस हत्या को बेअदबी के साथ जोड़ रहे हैं। भाजपा बेअदबी की किसी भी घटना का किसी भी तरह समर्थन नहीं करती। भाजपा पहले भी बेअदबी के मामलों में आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी और सख्त सजा की माँग करती आई है और आज भी करती है। उन्होंने कहा कि अपराध कितना भी संगीन क्याें न हो, किसी को भी किसी की हत्या करने और कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। उन्होंने दावा किया कि दलितों पर कांग्रेस शासित राज्यों में अत्याचार के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। गत एक वर्ष में किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान, पुलिस के साथ मारपीट, पश्चिम बंगाल से आई युवती के साथ किसान आंदोलनकारियों द्वारा बलात्कार और मौत, आंदोलन स्थल के आसपास के इलाकों से अनेक नाबालिग लड़कियों का गायब होना समेत कई अन्य घटनाएं हो चुकी हैंं। इसे लेकर जब भी किसान नेताओं से सवाल किए जाते हैं तो वे ऐसे मामलों को अराजक तत्वों की करतूत बता कर उससे अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता किसान आंदोलन शांतिपूर्ण होने के दावे करते नहीं थकते जबकि इसका असली हिंसात्मक चेहरा कई बार देश की जनता के सामने आ चुका है।
श्री अटवाल ने कहा कि किसान आंदोलन में घटित होने वाली हर घटना की सीधे जिम्मेवारी संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की बनती है। पहले हो चुकी घटनाओं और लखबीर सिंह हत्याकांड की जिम्मेवारी से ये किसान नेता भाग नहीं सकते। इन्हें इसका जवाब देना ही होगा।
रमेश1952वार्ता
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